University Recruitment In Jharkhand: रांची और डीएसपीएमयू विश्वविद्यालय सहित अन्य विश्वविद्यालयों में असिस्टेंट प्रोफेसर्स की नियुक्ति की नियमावली में संसोधन को लेकर हंगामा चल रहा है. आज कई विश्वविद्यालयों में तालाबंदी की जा रही है. सुबह-सुबह डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी विश्वविद्यालय रांची में तालाबंदी की गई. लेकिन जिस नियमावली को लेकर विरोध किया जा रहा है. उस नियमावली पर राज्य सरकार ने कोई निर्णय लिया ही नहीं है.
झारखंड के विवि में असिस्टेंट प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए यूजीसी एक्ट-2018 के संशोधित प्रस्ताव को अब तक राज्य कैबिनेट से स्वीकृति नहीं मिली है. इस प्रस्ताव में मुख्य रूप से शिक्षक व अधिकारी के पद पर नियुक्ति के लिए न्यूनतम अर्हता निर्धारित की गयी है. उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग के इस प्रस्ताव को अब तक कोल्हान विवि व विनोबा भावे विवि हजारीबाग सिंडिकेट ने स्वीकृति दी गयी है. डीएसपीएमयू सिंडिकेट ने उक्त प्रस्ताव में संशोधन करने का आग्रह किया है.
इसमें मुख्य रूप से झारखंड के विवि में वर्तमान में नैक ग्रेडिंग के आधार पर पीएचडी प्वाइंट में राहत देने की बात कही गयी है. रांची विवि, सिदो-कान्हू मुर्मू विवि व विनोद बिहारी महतो कोयलांचल विवि ने सरकार के प्रस्ताव को सिंडिकेट से पारित करा कर अब तक नहीं भेजा है. विभाग ने उक्त प्रस्ताव को कैबिनेट भेजने से पूर्व राज्य के विवि के सिंडिकेट/सीनेट से स्वीकृत करा कर भेजने का निर्देश दिया था.
रांची विवि प्रशासन ने राज्यपाल सहित उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग को पत्र भेज कर संशोधित प्रस्ताव के बिंदुओं को बदलने का सुझाव दिया है. संशोधित एक्ट के तहत मुख्य रूप से विवि की नैक ग्रेडिंग के आधार पर पीएचडी डिग्री में प्वाइंट देने की व्यवस्था की गयी है.
राज्य के उच्च शिक्षा निदेशक सूरज कुमार ने स्पष्ट किया है कि विवि में असिस्टेंट प्रोफेसर नियुक्ति का मामला विचाराधीन है. यह प्रकाशित किया गया है कि झारखंड ने नैक ग्रेडिंग के आधार पर लेक्चरर नियुक्ति में प्वाइंट देने का नियम बनाया है, जबकि राज्य सरकार ने अब तक इस संदर्भ में निर्णय नहीं लिया है.