आधे पारा शिक्षकों के प्रमाण पत्र का नहीं हो पाया है सत्यापन इसलिए पेच में फंसी आकलन परीक्षा
राज्य में पारा शिक्षकों की पहली आकलन परीक्षा अब जुलाई में नहीं हो पायेगी, क्योंकि अब तक आधे पारा शिक्षकों के प्रमाण पत्र का सत्यापन ही नहीं हो पाया है. इस कारण परीक्षा की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पायी है. इसके लिए प्रमाण पत्र का सत्यापन अनिवार्य है. 17 जुलाई को परीक्षा लेने की तैयारी थी.
Ranchi: राज्य में पारा शिक्षकों की पहली आकलन परीक्षा अब जुलाई में नहीं हो पायेगी, क्योंकि अब तक आधे पारा शिक्षकों के प्रमाण पत्र का सत्यापन ही नहीं हो पाया है. इस कारण परीक्षा की प्रक्रिया शुरू नहीं हो पायी है. इसके लिए प्रमाण पत्र का सत्यापन अनिवार्य है. 17 जुलाई को परीक्षा लेने की तैयारी थी. जून में सभी जिलों को दिशा-निर्देश देते हुए 22 जून तक सत्यापन प्रक्रिया पूरी कर लेने को कहा गया था. राज्य में कुल 61148 पारा शिक्षक कार्यरत हैं, जिनमें से 14042 पारा शिक्षक टेट (शिक्षक पात्रता परीक्षा) सफल हैं. टेट सफल शिक्षक आकलन परीक्षा में शामिल नहीं होंगे.
जिला समितियां कर रही थी प्रमाण पत्र सत्यापन
47016 शिक्षकों को आकलन परीक्षा में शामिल होना है. प्रमाण पत्र सत्यापन के लिए सभी जिलों में समिति बनी थी. जैक ने झारखंड शिक्षा परियोजना से शिक्षकों के प्रमाण पत्र सत्यापन को लेकर जानकारी भी मांगी थी, लेकिन उसने जैक को इस बारे में जानकारी नहीं दी है.
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मानदेय में 10% की होगी बढ़ोतरी
झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा में सफल पारा शिक्षकों के मानदेय में 50 फीसदी और जो शिक्षक परीक्षा सफल नहीं हैं, उनके मानदेय में 40 फीसदी की बढ़ोतरी की गयी है. वैसे पारा शिक्षक जो झारखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा सफल नहीं हैं, उनके लिए आकलन परीक्षा का प्रावधान है. आकलन परीक्षा में सफल होने पर मानदेय में 10 फीसदी की वृद्धि होगी.
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परीक्षा में शामिल होना अनिवार्य
पारा शिक्षकों के लिए आकलन परीक्षा में शामिल होना अनिवार्य है. परीक्षा में शामिल नहीं होने पर पर माना जायेगा कि उन्होंने अपने एक अवसर का उपयोग कर लिया है. परीक्षा पास करने के लिए एक शिक्षक को अधिकतम चार अवसर मिलेंगे. आकलन परीक्षा पास नहीं करनेवाले शिक्षकों के मानदेय में वृद्धि नहीं होगी.