रांची में नाट्योत्सव ‘अबुआ दिशुम’ का हुआ समापन, कलाकारों ने मानवीय संवेदना को झकझोर दिया
रांची में तीन दिवसीय नाट्य महोत्सव 'अबुआ दिशुम' के अंतिम दिन दो नाटक अम्बेडकर और गांधी एवं विसर्जन का मंचन हुआ. दोनों ही नाटकों में जातिवाद, भेदभाव और छुआछूत पर कटाक्ष किया गया है़ गुरुवार शाम छह बजे एसडीसी सभागार में चंडीगढ़ के अलंकार थिएटर ने आंबेडकर और गांधी नाटक का मंचन किया गया.
Ranchi news: रांची में तीन दिवसीय नाट्य महोत्सव ‘अबुआ दिशुम’ के अंतिम दिन दो नाटक अम्बेडकर और गांधी एवं विसर्जन का मंचन हुआ. दोनों ही नाटकों में जातिवाद, भेदभाव और छुआछूत पर कटाक्ष किया गया है़ गुरुवार शाम छह बजे एसडीसी सभागार में चंडीगढ़ के अलंकार थिएटर ने आंबेडकर और गांधी नाटक का मंचन किया.
दलित चिंतन को दिखाने की कोशिश
लेखक राजेश कुमार की रचना को निर्देशक चक्रेश कुमार ने भारतीय इतिहास और समाज में व्याप्त दलित चिंतन को वर्तमान परिदृश्य में दिखाने की कोशिश की. नाटक में दलित परिवार से आनेवाले अम्बेडकर समाज की विसंगतियों को पहचानते हैं. वहीं गांधीजी ऐसे संगठित समाज की कल्पना करते हैं, जो जातिवाद से ऊपर हो. यही कारण है कि गांधीजी आजाद भारत के संविधान को लिखने की जिम्मेदारी डॉ आंबेडकर को देते हैं, ताकि वे समाज के हर तबके के साथ न्याय कर सकें. जातिवाद के कई मुद्दों पर दोनों की विचारधारा आपस में टकराती भी है, लेकिन अम्बेडकर संविधान के साथ न्याय करते हैं. नाटक में भगवान बिरसा मुंडा, अम्बेडकर काे ढांढस देते हुए देश के लोगों के लिए बेहतर कार्य करने के लिए प्रेरित करते हैं.
‘विसर्जन’ नाटक को बेहतरीन तरीके से दिखाया
वहीं, दूसरे नाटक में गुरु रवींद्रनाथ टैगोर की रचना ‘विसर्जन’ को लेखक हिमाद्री शेखर डे और निर्देशक देबाशीष घोष ने वर्तमान परिवेश से जोड़ते हुए बेहतरीन तरीके से दिखाया गया.
एमिटी विवि ने किया लॉन बॉल के पदक विजेताओं को सम्मानित
वहीं, एमिटी यूनिवर्सिटी ने गुरुवार को राष्ट्रमंडल खेल-2022 में पदक जीतकर राज्य का नाम रोशन करनेवाले खिलाड़ियों का अभिनंदन किया. इस अवसर पर स्वर्ण पदक विजेता लवली चौबे, रूपा रानी तिर्की, रजत पदक विजेता सुनील बहादुर और दिनेश कुमार और कोच मधुकांत पाठक को सम्मानित किया. विवि की सहायक निदेशक डॉ कस्तूरी सहाय ने कार्यक्रम की संक्षिप्त जानकारी दी.
एमिटी एजुकेशन ग्रुप के उपाध्यक्ष गौरव गुप्ता ने कहा कि इस अवसर का हिस्सा बनना सम्मान की बात है. उन्होंने एमिटी यूनिवर्सिटी झारखंड के आगामी स्थायी परिसर में लॉन बाउल्स को शामिल करने के सुझाव दिये. मधुकांत पाठक ने एमिटी परिवार को स्थायी परिसर और एमिटी परिसर में लॉन बाॅल खेल के लिए धन्यवाद दिया. एमिटी एजुकेशन ग्रुप के वरिष्ठ निदेशक डॉ एके श्रीवास्तव ने खिलाड़ियों की सरहाना की. इस अवसर पर डॉ निशांत मणि, प्रो डॉ अजीत कुमार पांडेय, डाॅ एसए पांडेय, प्रभाकर त्रिपाठी, सुमित सिंह, गौरव गुप्ता, संस्थापक अध्यक्ष डॉ अशोक के. चौहान आदि मौजूद थे.