Jharkhand News: रांची जिला के तमाड़ प्रखंड में स्थित सोने की खदान से आजतक सोना का एक कण तक नहीं निकल सका है. वजह है इस खदान में अब तक खुदाई का शुरू नहीं होना. पांच साल से फॉरेस्ट क्लियरेंस नहीं मिलने की वजह से खनन का काम शुरू नहीं हो पाया है. नवंबर 2017 में इस खदान की नीलामी हुई थी. रूंगटा माइंस ने सबसे अधिक बोली लगाकर खनन अधिकार हासिल किया था. 75 हेक्टेयर क्षेत्र में फैले इस खदान में 9.894 मिलियन टन (करीब 99 लाख टन) सोना अयस्क का रिजर्व है.
अब तक फॉरेस्ट क्लियरेंस नहीं
इस खदान की 11 हेक्टेयर भूमि वन क्षेत्र में है. ग्राम सभा, माइंस प्लान आदि सारी प्रक्रिया पूरी करने के बाद वर्ष 2019 में फॉरेस्ट क्लियरेंस के लिए वन विभाग के पास आवेदन किया गया. तब से यह आवेदन वन विभाग के पास लंबित है. आज तक स्टेज-1 का क्लियरेंस नहीं मिल सका है, जिसकी वजह से अब तक इस खदान से सोना निकालने का काम शुरू नहीं हो पाया है.
एक टन मिट्टी से निकलेगा एक ग्राम सोना
खान विभाग के अधिकारियों ने बताया कि परासी सोना खदान में एक टन मिट्टी निकालने पर एक ग्राम सोना निकलेगा. इसमें बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है.
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9.894 मिलियन टन सोना का है भंडार
तमाड़ में स्थित परासी खदान में 9.894 मिलियन टन सोना अयस्क का भंडार है. वहीं, इस खदान में 8.90 टन सिल्वर, 82.46 टन लेड, 369.54 टन निकेल, 230.33 टन कोबाल्ट, 98.94 टन मोलीबेडिनम और 103.88 टन टिन के भंडार होने का भी आकलन किया गया है.
चालू होने पर राज्य सरकार को मिलता 1,280 करोड़ राजस्व
खान विभाग के अधिकारी बताते हैं कि यदि यह खदान चालू हो जाये, तो झारखंड सरकार को 1,280 करोड़ रुपये राजस्व की प्राप्ति होगी. इसमें 960 करोड़ रुपये रॉयल्टी के रूप में मिलेंगे, जबकि 320 करोड़ रुपये डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) के रूप में.