रांची. लोकसभा चुनाव के दौरान राज्य में 322 पोलिंग स्टेशन लोकेशन शैडो एरिया में चिह्नित किये गये हैं. इन लोकेशनों पर कुल 366 मतदान केंद्रों का गठन किया गया है. शैडो एरिया में गठित किये गये इन मतदान केंद्रों पर संचार का कोई साधन मौजूद नहीं है. दुर्गम क्षेत्र पर स्थित उक्त मदान केंद्रों पर मोबाइल नेटवर्क काम नहीं करता है. वहां लैंडलाइन फोन और इंटरनेट सेवा भी उपलब्ध नहीं है. शैडो एरिया में केवल सेटेलाइट फोन व वायरलेस से ही संपर्क स्थापित किया जा सकता है. चुनाव आयोग की नजर से दूर होंगे मतदान केंद्र शैडो एरिया के मतदान केंद्र चुनाव आयोग की नजर से दूर होंगे. नेटवर्क नहीं होने की वजह से मतदान केंद्रों की वेबकास्टिंग संभव नहीं होगी. कई जिलों में मोबाइल ऑपरेटर को बुला कर नजदीकी टॉवर की फ्रीक्वेंसी भी बढ़ा कर संचार माध्यम बहाल करने की कोशिश की गयी है. इससे कई मतदान केंद्रों पर नेटवर्क मिला भी है. परंतु, कमजोर नेटवर्क होने की वजह से आयोग का केवल उसी पर आश्रित रहना संभव नहीं है. शैडो एरिया में मतदान केंद्रों से संपर्क के लिए आयोग पूरी तरह से पुलिस-प्रशासन के पास उपलब्ध सेटेलाइट फोन और वायरलेस पर निर्भर है.
नजदीकी पोलिंग स्टेशन से लगातार रिपोर्ट लेगा आयोग
B चुनाव आयोग ने शैडो एरिया स्थित मतदान केंद्रों के लिए विशेष व्यवस्था की है. सुरक्षा की दृष्टि से वहां फोर्स डिप्लायमेंट में विशेष सावधानी बरती गयी है. नजदीकी पोलिंग स्टेशनों को शैडो एरिया के मतदान केंद्रों से जोड़ा गया है. नजदीकी पोलिंग स्टेशनों से नियमित अंतराल पर शैडो एरिया के मतदान केंद्रों की रिपोर्ट सीधे चुनाव आयोग को भेजने की व्यवस्था की गयी है. साथ ही शैडो एरिया से संबंधित थानों को अलर्ट मोड पर रखा गया है. वहां पुलिस फोर्स की भी अतिरिक्त व्यवस्था की गयी है.
24 में से छह जिलों में ही शून्य है शैडो एरिया की संख्या
राज्य के 24 में से 18 जिलों में शैडो एरिया है. केवल छह जिलों धनबाद, गिरिडीह, रामगढ़, गोड्डा, देवघर व जामताड़ा में ही शैडो एरिया की संख्या शून्य है. शैडो एरिया में सबसे अधिक 87 मतदान केंद्र पश्चिम सिंहभूम जिले में है. वहीं, सिमडेगा में 65, गुमला में 47 व खूंटी में 30 मतदान केंद्र शैडो एरिया में हैं.