jharkhand news, lohardaga news in hindi लोहरदगा : जिले में रोजगार नहीं मिलने के बाद रोजगार की तलाश में उत्तराखंड गये किस्को प्रखंड के बेटहट गांव के नौ लोगों का ग्लेशियर टूटने के बाद हुई तबाही के चार दिन बीतने के बाद भी कुछ जानकारी नहीं मिली हैं. एनडीआरएफ व सेना की टीम लगातार लोगों की खोजबीन कर रही हैं, परंतु चार दिन बीतने के बाद भी बेटहट के मजदूरों की कोई खबर नहीं मिल पायी है. दूसरे राज्यों के लोगों के शव लगातार मलबे से निकाले जा रहे हैं.
बेटहट से पावर प्रोजेक्ट में काम कर रहे नौ मजदूरों के परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है. परिवार वाले अब अपनों के मिलने की आस छोड़ चुके हैं, फिर भी प्रशासन से अपने लोगों की खोजबीन कराने की गुहार लगा रहे हैं. पावर प्लांट में काम में गये नौ लोगों में ज्योतिष बाखला, सुनील बाखला, मंजनू बाखला, उर्बानुष बाखला, नेम्हस बाखला, रवींद्र उरांव, दीपक कुजूर, विक्की भगत व प्रेम उरांव के परिवार के सदस्य सदमे में है.
उनलोगों का खाना-पीना छूट चुका है. बस अपनों से जल्द मिलने की आस लगाये बैठे हैं. अपनों की सुरक्षित घर लौटने की आस में उम्मीद लगाये बैठे हैं. चार दिन बीतने के बाद भी किसी के परिजनों से संपर्क नहीं हो पाया है. प्रोजेक्ट में काम कर रहे लोगों का फोन बंद बता रहा है.
विक्की की याद संजोये काफी मर्माहत हैं परिजन: उत्तराखंड गये विक्की भगत के पिता करमदास भगत का कहना है कि घर में विक्की का भाई है, जो झारखंड पुलिस में कार्यरत हैं. विक्की का विवाह नहीं हुआ है. अपने विवाह को लेकर और अपने आप को आर्थिक रूप से मजबूत करने की बात कह कर उत्तराखंड गया थे. विक्की भगत के घर में भाई, बहन व मां-बाप हैं, जो विक्की का याद संजोये काफी मर्माहत है.
परिवार की स्थिति सुधारने के लिए कमाने गया था रवींद्र: रवींद्र उरांव के घर में रवींद्र उरांव के अलावा चार भाई व माता-पिता हैं. बड़े भाई शशि भगत का कहना है कि परिवार में पांच भाई है, जिसमे एक कमाने गया है. घर में माता-पिता व चार भाई घर में है. भाई के लापता होने के बाद घर के लोग काफी परेशान है. खेतीबारी कर किसी तरह जीवन-यापन करनेवाले परिवार हैं. परिवार की स्थिति में सुधार लाने के लिए काम करने के लिए भाई उत्तराखंड गया था.
मंजनू बाखला के परिजनों का कहना है कि मंजनू बाखला की शादी हुई थी, लेकिन एक वर्ष पूर्व ही उसकी पत्नी की मौत हो गयी. परिवार में कोई बच्चा नहीं है. घर में मां-पिता, एक भाई व एक बहन है. परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है. मंजनू कुछ कमा कर परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने की सोच के साथ बाहर कमाने गया था. घर में कमाने वाले एकमात्र सदस्य मंजनू ही है, जिसके लापता होने के बाद बुजुर्ग मां-बाप का हालत दयनीय हो गयी है. मां-बाप अपने बेटे की आस में पलकें संजोये बैठे हैं.
नेम्हस बाखला व सुनील बाखला दोनों भाई के परिजनों का कहना है कि दोनों भाई उत्तराखंड गये हैं. घर में मां व पिता हैं, जो त्रासदी में लापता होने के बाद बेटे की याद में खाना-पीना छोड़कर उसके आने के इंतजार में बैठे हैं. जब भी कोई अधिकारी या कोई बाहरी व्यक्ति गांव पहुंचता है, तो किसी भी जानकारी के लिए माता-पिता भागतेे हुए दौड़ कर उनके पास पहुंच जाते हैं. पूछते है कि मेरे बेटे की कुछ खबर आयी है क्या.
दीपक कुजूर (पिता- राम किशुन उरांव) के परिजनों का कहना है कि दीपक कुजूर उत्तराखंड गये हैं, जबकि बड़ा भाई सुदर्शन कुजूर तमिलनाडु में काम कर रहा हैं. एक बहन घर में है, जिसकी शादी के लिए दीपक पैसा कमाने बाहर गया है. दीपक की भी शादी नहीं हुई है. सुदर्शन कुजूर की शादी हो चुकी है, जिसका एक बेटा व एक बेटी है.
सुदर्शन कुजूर पत्नी व बेटा-बेटी को लेकर तमिलनाडु पावर प्लांट गये हैं. घर में मां-बाप खेती कर किसी तरह जीवन-यापन कर रहे हैं. बहन की शादी का जिम्मेवारी भाइयों पर है. साथ ही परिवार का भरण पोषण भी उन्हीं लोगों के सहारे है. मां-बाप अपने आप को इस दुख की घड़ी में अकेला महसूस कर रहे हैं. मां- बाप अपने आंसू को रोक नहीं पा रहे हैं. उनलोगों ने प्रशासन से अपील की है कि जल्द उनके बेटे को घर ला दिया जाये.
ज्योतिष बाखला (पिता- मनोज बाखला) परिवार में एकमात्र कमाने वाला सदस्य है. उसके घर में एक भाई व एक बहन है, पिता खेतीबारी करते हैं. ज्योतिष बाखला के लापता होने के बाद घर के लोग काफी परेशान हैं. बेटे के आने की आस में मां-बाप राह देखते नजर आ रहे हैं.
प्रेम उरांव (पिता- बंधन उरांव) दो भाई व दो बहन है. भाई राहुल उरांव राजस्थान पावर प्लांट में काम करने गये हैं, दोनों बहन घर में है. दोनों बहन व मां-बाप की जिम्मेवारी उनलोगों के ऊपर है. बंधन उरांव की शादी अभी नहीं हुई है.
Posted By : Sameer Oraon