धार्मिक व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए पाहनों का महासम्मेलन होगा
झारखंड पाहन महासंघ की बैठक शुक्रवार को मोरहाबादी में हुई. इसमें पांच प्रखंडों के करीब दस मौजा के पाहन मौजूद थे. बैठक में आदिवासी समाज और उसकी स्थिति पर विचार किया गया.
रांची. झारखंड पाहन महासंघ की बैठक शुक्रवार को मोरहाबादी में हुई. इसमें पांच प्रखंडों के करीब दस मौजा के पाहन मौजूद थे. बैठक में आदिवासी समाज और उसकी स्थिति पर विचार किया गया. पाहनों के मौजूदा हालात को देखते हुए उनका सर्वे करने का निर्णय लिया गया. यह भी कहा गया कि सामाजिक-धार्मिक व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने के लिए जल्दी ही पाहनों का एक महासम्मेलन आयोजित किया जायेगा. इसके अलावा सरकार से मांग की गयी है कि आदिवासी महिलाओं को अंतरजातीय विवाह और उसके दुष्प्रभाव से बचाने के लिए इस विषय पर कानून बने. कहा गया कि आदिवासी आरक्षण और उनकी जमीनों को लूटने के लिए आदिवासी महिलाओं को मोहरा बनाया जा रहा है. बैठक में पाहन महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष जगदीश पाहन ने कहा कि दिन-प्रतिदिन आदिवासी समाज पर अत्याचार व अन्याय बढ़ता जा रहा है. आदिवासियों की धार्मिक व्यवस्था पर प्रहार कर उनकी पहचान खत्म की जा रही है. दूसरी ओर खाता पर्चा खतियान बदलकर उनकी जमीनों को लूटा जा रहा है. संघ के प्रदेश महासचिव हलधर चंदन पाहन को रांची महानगर की जिम्मेवारी सौंपी गयी है. उन्होंने कहा कि अगले कुछ वर्षों में समाज में बड़े बदलाव होंगे. बैठक में महासंघ के कार्यों व अभियान को चार जोन में बांटकर क्रियान्वित करने का निर्णय लिया गया. उत्तरी, पूर्वी, दक्षिणी और पश्चिमी क्षेत्र के लिए अन्य पाहनों को भी जिम्मेवारी दी गयी है. बैठक में अरविंद पाहन, सोमरा पाहन, किस्टो सिंह पाहन, विंकल पाहन, राजेश पाहन, वसंत पाहन, जगलाल पाहन, अशोक पाहन, विजय पाहन, रोहित पाहन, मुन्ना टोप्पो एवं निरंजना हेरेंज सहित बहेया प्रखंड, बुढ़मू प्रखंड, ओरमांझी प्रखंड, नामकुम प्रखंड, कांके प्रखंड, सुतियांबे, पिठोरिया, जयपुर, बूटी, हातमा के पाहन मौजूद थे.
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