सात लौह अयस्क खानों को आरक्षित करने से होगा 40 हजार करोड़ का घाटा- बाबूलाल मरांडी
राज्य सरकार द्वारा 18 अगस्त की कैबिनेट में सात लौह अयस्क खदानों को राज्य के लिए आरक्षित किये जाने के फैसले को भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने जनहित के खिलाफ बताया है.
रांची : राज्य सरकार द्वारा 18 अगस्त की कैबिनेट में सात लौह अयस्क खदानों को राज्य के लिए आरक्षित किये जाने के फैसले को भाजपा विधायक दल के नेता बाबूलाल मरांडी ने जनहित के खिलाफ बताया है. उन्होंने कहा है कि इससे राज्य को 40 हजार करोड़ रुपये राजस्व का नुकसान होगा. उन्होंने केंद्रीय खनन मंत्री प्रह्लाद जोशी को पत्र लिख कर मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है. श्री मरांडी ने जेएसएमडीसी को ये खदान दिये जाने पर जेएसएमडीसी की क्षमता पर भी सवाल उठाया है.
श्री मरांडी ने लिखा है कि नेशनल मिनरल पॉलिसी के अनुसार प्राकृतिक संसाधनों का वितरण पारदर्शी तरीके से होना चाहिए. जिन सात खदानों को आरक्षित किया गया है, उसका क्षेत्रफल 1178.59 हेक्टेयर है. मिनरल रिजर्व 228.07 मीट्रिक टन है. आजादी के बाद से झारखंड में सेल को 69.72 वर्ग किमी का खदान मिला है. जो कुल क्षेत्र का 60.457 प्रतिशत है. टाटा स्टील को 11.6 वर्ग किमी मिला है, जो कुल क्षेत्र का 10.05 प्रतिशत है. अन्य निजी कंपनियों को 34 वर्ग किमी मिला हुआ है जो कुल क्षेत्र का 29.48 प्रतिशत है.
श्री मरांडी ने लिखा है कि राज्य सरकार यदि इसे जेएसएमडीसी के लिए रिजर्व करती है, तो राज्य को राजस्व का भारी नुकसान होगा. यदि इन सातों लौह अयस्क खदानों की नीलामी होती है तो एक बड़ी रकम राजस्व के रूप में राज्य को मिलेगी. अन्य राज्यों में भी नीलामी करा कर बाजार दर से 89 से 150 प्रतिशत तक प्रीमियम लिया गया है. राज्य में 40 हजार करोड़ का राजस्व आयेगा, तो विकास कार्य हो सकेंगे.
इन खदानों को किया गया है आरक्षित
खदान क्षेत्र क्षेत्रफल (हेक्टेयर) रिजर्व (एमटी)
एमएल जैन एंड संस करमपदा 202.35 53.33
रुंगटा माइंस प्रालि घाटकुरी 138.85 79
निर्मल कुमार,प्रदीप कुमार घाटकुरी 149.74 17.2
पदम कुमार जैन ठकुरानी 84.68 33.5
रामेश्वर जूट मिल बरायबुड़ू 259 21.94
शाह ब्रदर्स करमपदा 233.89 19.53
आर मैक्डिल एंड कंपनी करमपदा 110.08 3.57
कुल – 1178.59 228.07
Post By : Pritish Sahay