बीआइटी मेसरा के यूजी और पीजी के विद्यार्थियों की एंड सेमेस्टर परीक्षा नहीं होगी
बीआइटी मेसरा में अध्ययनरत यूजी और पीजी के विद्यार्थियों की एंड सेमेस्टर की परीक्षा नहीं होगी. इसे सभी पाठ्यक्रम के लिए लागू किया जायेगा. एंड सेमेस्टर में शामिल विद्यार्थियों को प्रोग्रेसिव मूल्यांकन के आधार पर अब डिग्री दी जायेगी. इसका लाभ वैसे विद्यार्थियों को मिलेगा, जिनका कैंपस प्लेसमेंट हो चुका था.
रांची : बीआइटी मेसरा में अध्ययनरत यूजी और पीजी के विद्यार्थियों की एंड सेमेस्टर की परीक्षा नहीं होगी. इसे सभी पाठ्यक्रम के लिए लागू किया जायेगा. एंड सेमेस्टर में शामिल विद्यार्थियों को प्रोग्रेसिव मूल्यांकन के आधार पर अब डिग्री दी जायेगी. इसका लाभ वैसे विद्यार्थियों को मिलेगा, जिनका कैंपस प्लेसमेंट हो चुका था.
वहीं सभी पाठ्यक्रम में शामिल अन्य विद्यार्थियों को बिना परीक्षा लिए प्रमोट कर दिया जायेगा. जबकि पीएचडी पाठ्यक्रम में शामिल अभ्यर्थियों की परीक्षाएं ऑनलाइन माध्यम से पूरी करायी जायेगी. विद्यार्थियों को प्रोग्रेसिव मूल्यांकन के आधार पर प्रमोट किये जाने की प्रक्रिया को यूनिवर्सिटी पॉलिटेक्निक में भी लागू कर दिया गया है.
ऑनलाइन वाइवा के माध्यम से दिये जायेंगे अंकलैब आधारित कोर्स के अंक भी अंक प्रोग्रेसिव मूल्यांकन के आधार पर दिये जायेंगे. इसके लिए विद्यार्थियों को ऑनलाइन वाइवा में शामिल होना होगा. लैब कोर्स से जुड़ी हुई गतिविधियाें को विभाग के शिक्षक ऑनलाइन पूरा करायेंगे. विद्यार्थियों को मिलने अंक को लेकर कॉलेज के विभिन्न विभाग के प्रोजेक्ट इवाल्यूशन कमेटी की बैठक की गयी है.
बैकलॉक वाले विद्यार्थी हाेंगे प्रमोटफाइनल इयर के वैसे विद्यार्थी जिनका किसी विषय में बैक लॉक लग गया था. उन्हें भी संस्थान प्रोग्रेसिव मूल्यांकन देकर प्रमोट कर देगी. जबकि अन्य सेमेस्टर में शामिल विद्यार्थियों की बैक लॉक परीक्षा कॉलेज खुलने के बाद आयोजित की जायेगी. परीक्षा में शामिल होने के लिए अनिवार्य 75 फीसदी अटेंडेंस को वर्तमान परिस्थिति को देखते हुए मान्य नहीं किया जायेगा.
पीएचडी की सभी परीक्षाएं होगी ऑनलाइनबीआइटी मेसरा के पीएचडी प्रोग्राम में शामिल विद्यार्थियों की सभी परीक्षाएं ऑनलाइन माध्यम से पूरी करायी जायेगी. ऑनलाइन परीक्षा को संपन्न कराने के लिए विभिन्न विभाग के विभागध्यक्ष, डॉक्टरल कमेटी के सदस्य, रिसर्च स्कॉलर, रिसर्च सुपरवाइजर समेत अन्य को इच्छानुसार एक्सपर्ट व परीक्षक के रूप में अपनी भागीदारी देने की बात कही गयी है. पीएचडी प्रोग्राम में शामिल अभ्यर्थी को प्री-पीएचडी, टर्म पेपर और एनुअल प्रोग्रेस का ऑनलाइन प्रेजेंटेशन देना होगा. इसके बाद ही अंक दिये जायेंगे़