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झारखंड की इन लोकसभा सीटों पर जीतने वाला कोई नहीं बन पाया मंत्री, जानें किस क्षेत्र ने दिए सबसे ज्यादा मंत्री

झारखंड की 14 लोकसभा सीटों में गिनी-चुनी सीटें हैं, जहां से जीतने वाले लोग केंद्र में मंत्री बने. कई ऐसी सीटें हैं, जहां के कोई सांसद मंत्री नहीं बना.

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रांची, मनोज सिंह : संयुक्त बिहार के समय 54 लोकसभा की सीटें थी. इसमें ज्यादातर जनजातीय बहुल सीटें झारखंड वाले हिस्से में थीं. राज्य गठन के बाद झारखंड के पास 14 लोकसभा सीटें बच गयीं हैं. इसमें 5 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए और एक सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है.

झारखंड की इन सीटों से जीते सांसद अब तक नहीं बने मंत्री

खास बात यह है कि अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित राजमहल और सिंहभूम सीट से आज तक एक भी सांसद मंत्री नहीं बन पाए. गिरिडीह व जमशेदपुर अनारक्षित सीट से जीतने वाले किसी भी सांसद को अब तक मंत्री बनने का सौभाग्य नहीं मिला है.

लोहरदगा लोकसभा क्षेत्र ने दिए सबसे ज्यादा केंद्रीय मंत्री

सबसे अधिक मंत्री बनने का मौका लोहरदगा (एसटी) सीट से जीतनेवाले सांसदों को मिला है. संयुक्त बिहार के समय से अब तक इस हिस्से से जीतने वाले करीब एक दर्जन सांसदों को मंत्री बनने का मौका मिला है.

लोहरदगा से बने हैं 4-4 मंत्री

झारखंड में लोहरदगा सीट से जीतने वाले 4-4 सांसदों को केंद्र सरकार में मंत्री बनने का मौका मिला है. यहां से सबसे पहले कार्तिक उरांव मंत्री रहे थे. वह केंद्र सरकार में एविएशन के मंत्री थे. इंजीनियर की पढ़ाई करने वाले श्री उरांव के बाद उनकी पत्नी सुमति उरांव भी लोहरदगा से सांसद रहीं.

डॉ कार्तिक उरांव की पत्नी सुमति उरांव 2 बार केंद्र में बनीं मंत्री

डॉ कार्तिक उरांव की पत्नी सुमति उरांव भी केंद्र सरकार में मंत्री बनीं. वह भारत सरकार में समाज कल्याण और पर्यावरण विभाग की राज्यमंत्री रहीं. उनको दो-दो बार मंत्री बनने का मौका मिला था.

डॉ मनमोहन सिंह की सरकार में मंत्री बने डॉ रामेश्वर उरांव

इसी लोकसभा क्षेत्र से जीतने वाले 1972 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी रहे डॉ रामेश्वर उरांव भी केंद्र सरकार में मंत्री रहे. डॉ मनमोहन सिंह की सरकार में उनके जिम्मे कल्याण मंत्रालय था. इसी सीट से जीतने वाले सुदर्शन भगत भी वर्ष 2014 में भारत सरकार में कृषि राज्य मंत्री रहे थे.

केंद्र में मंत्री बनने वाले एकमात्र सांसद हैं कांग्रेस के सुबोधकांत सहाय

इसी तरह रांची सीट से जीतने वालों में केवल सुबोधकांत सहाय को मंत्री बनने का मौका मिला है. वह कई बार केंद्र सरकार में मंत्री रहे. चंद्रशेखर की सरकार में गृह राज्यमंत्री भी थे. बाद में सूचना प्रसारण, पर्यटन, खाद्य प्रसंस्करण मंत्री भी रहे. वह मनमोहन सिंह की सरकार में लगातार मंत्री रहे. धनबाद सीट से जीतनेवाली आइपीएस रणधीर वर्मा की पत्नी भी मंत्री रही थी. वह अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री थी.

चतरा लोकसभा के सांसद नागमणि भी रहे केंद्र में मंत्री

चतरा संसदीय सीट से जीतने वाले नागमणि भी भारत सरकार में मंत्री थे. वह अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में मंत्री बने थे. गोड्डा संसदीय सीट से जीतने वाले जगदंबी प्रसाद यादव भी केंद्र सरकार में मंत्री थे.

मोरारजी सरकार में स्वास्थ्य मंत्री बने गोड्डा के सांसद जगदंबी प्रसाद

गोड्डा से जीतने वाले जगदंबी प्रसाद यादव मोरारजी देसाई की सरकार में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री थे. कोडरमा सीट को भी पिछले चुनाव के बाद पहली बार मंत्री का पद मिला था. इस सीट से वर्ष 2019 में जीतने वाली भाजपा की अन्नपूर्णा देवी को केंद्र सरकार में शिक्षा राज्य मंत्री बनाया गया है.

पलामू की सांसद कमला कुमारी भी बनीं थीं केंद्र में मंत्री

पलामू से 4 बार सांसद रहीं कमला कुमारी को भी एक बार केंद्र सरकार में मंत्री बनाया गया था. इंदिरा गांधी की सरकार में उनको वर्ष 1982 में कृषि एवं ग्रामीण पुनर्निर्माण विभाग में मंत्री बनाया गया था.

हजारीबाग और खूंटी के दो-दो सांसद बने हैं मंत्री

हजारीबाग संसदीय सीट से 2-2 लोगों को मंत्री बनने का मौका मिला. यहां से यशवंत सिन्हा और उनके पुत्र जयंत सिन्हा दोनों को मंत्री बनने का सौभाग्य मिला. यशवंत सिन्हा अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में भारत सरकार के वित्त मंत्री थे. उनके पुत्र जयंत सिन्हा को नरेंद्र मोदी की सरकार में वित्त राज्यमंत्री की जिम्मेदारी दी गयी थी.

खूंटी के सांसद कड़िया मुंडा कई बार केंद्रीय मंत्री बने

इसी तरह खूंटी लोकसभा सीट से कड़िया मुंडा और अर्जुन मुंडा को केंद्र में मंत्री बनने का मौका मिला. कड़िया मुंडा केंद्र सरकार में कई बार मंत्री रहे. लोकसभा के उपसभापति भी रहे. इस सीट से पहली बार वर्ष 2019 में जीतने वाले अर्जुन मुंडा को केंद्र सरकार में कल्याण मंत्री बनाया गया.

अर्जुन मुंडा, बाबूलाल मरांडी और शिबू सोरेन भी बने केंद्र में मंत्री

अर्जुन मुंडा को नरेंद्र मोदी की सरकार में बाद में कृषि मंत्री का प्रभार भी दिया गया है. दुमका संसदीय सीट से जीतने वाले शिबू सोरेन और बाबूलाल मरांडी को भी केंद्र में मंत्री बनने का मौका मिला. शिबू सोरेन कोयला मंत्री और बाबूलाल मरांडी पर्यावरण राज्यमंत्री बने थे.

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