अच्छी फसल. दो साल की सूखे के बाद इस बार बंपर हुई है धान की पैदावार
हर दिन सैकड़ों ट्रक धान दूसरे राज्यों में भेजे जा रहे हैं खेत में ही किसान से धान खरीद ले रहे हैं व्यापारी
अब तक धान क्रय केंद्र भी नहीं खुला है झारखंड का उत्तम महतो, रांची झारखंड सरकार 15 दिसंबर से धान खरीदेगी. धान खरीदने के लिए 646 केंद्र खोले जायेंगे. सरकार 2400 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान की खरीदारी करेगी. लेकिन इससे पहले ही राज्य के किसानों ने धान बेचना शुरू कर दिया है. हर दिन सैकड़ों ट्रक धान बिहार, पश्चिम बंगाल और पड़ोसी राज्यों में भेजा जा रहा है. झारखंड के किसान 1800-1900 रुपये प्रति क्विंटल धान बेच रहे हैं. किसानों की धान खेतों से ही बिक जा रही है. उन्हें तत्काल पैसा मिल जा रहा है. इस कारण वे धान निजी लोगों को बेच दे रहे हैं. लगातार दो साल के सूखे के बाद झारखंड में इस बार बंपर धान का उत्पादन हुआ है. कृषि विभाग के पहले एडवांस इस्टीमेट के अनुसार, 2024-25 के खरीफ मौसम में करीब 41.38 लाख टन धान का उत्पादन हो सकता है. इस वर्ष करीब 15.48 लाख हेक्टेयर में धान लगाया गया था. राज्य के किसान पिछले दो साल से लगातार सूखे की मार झेल रहे थे. इस वर्ष मॉनसून की बारिश थोड़ी देर से शुरू हुई, लेकिन करीब हर माह में जरूरत भर बारिश होती रही. इससे किसानों ने तय लक्ष्य का करीब 90 फीसदी खेतों में धान लगाया था.100 रुपये बोनस देगी राज्य सरकार
झारखंड में खरीफ विपणन मौसम 2024-25 के लिए धान की खरीदारी 15 दिसंबर से शुरू होगी. इसको लेकर सरकार की ओर से तैयारी शुरू कर दी गयी है. जिलों में धान क्रय केंद्र व मिलरों के निबंधन की प्रक्रिया चल रही है. राज्य में 646 धान क्रय केंद्र खोलने की कवायद शुरू की गयी है. सरकार ने इस बार भी किसानों से 60 लाख क्विंटल धान खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है. इसके लिए 2.36 लाख किसानों ने निबंधन कराया है. इस साल केंद्र सरकार की ओर से साधारण धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य 2300 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है. वहीं, ग्रेड-ए धान के लिए 2320 रुपये प्रति क्विंटल रेट निर्धारित है. इस राशि के अलावा किसानों को राज्य सरकार की ओर से 100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से बोनस मिलेगा. ऐसे में इस साल राज्य के किसानों को सामान्य धान पर कुल 2400 रुपये और ग्रेड-ए धान पर 2420 रुपये प्रति क्विंटल भाव मिलेगा. सरकार ने इस वर्ष भी धान खरीद के समय किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की 50 प्रतिशत राशि का भुगतान करने का निर्णय लिया है. वहीं, शेष 50 प्रतिशत व बोनस की राशि का भुगतान धान अधिप्राप्ति केंद्रों से धान का उठाव संबद्ध राइस मिल अथवा जिला स्तर पर चयनित गोदाम में पहुंचाने के बाद किया जायेगा.केस स्टडी
चाव व चंदनकियारी से हर दिन 25 से 30 ट्रक धान जा रहा है बंगालबंगाल के धान खरीदारों के एजेंट बेखौफ होकर झारखंड से धान खरीद कर उसे ट्रक में लोड कर बंगाल ले जा रहे हैं. इस क्षेत्र में जगह-जगह छोटे-छोटे डिपो भी बनाये गये हैं. केवल बोकारो जिले के चास व चंदनकियारी से ही हर दिन 25-30 ट्रक धान लेकर बंगाल जा रहा है. झारखंड से हर दिन 500 टन धान बंगाल जा रहा है. ट्रक नगेन मोड़, बरमसिया व चंदनकियारी से बंगाल में प्रवेश कर रहे हैं. उसमें एक ट्रक में अनुमानत: 20-25 टन धान लोड किया जाता है. अगर एक ट्रक में औसतन 20 टन धान मान लिया जाये, तो 25 ट्रक से हर दिन 500 टन धान बंगाल भेज दिया जाता है.
धान को बंगाल तक पहुंचाने में बिचौलियों का प्रमुख रोल झारखंड से धान को बंगाल तक पहुंचाने में यहीं के कुछ बिचौलियों का प्रमुख रोल है. बंगाल के एजेंट से सीधे संपर्क में रहने वाले ये बिचौलिये दिन में बाइक से गांव-गांव घूमते हुए लोगों से धान की जानकारी लेते हैं. धान बेचने के इच्छुक किसानों से यहां रेट को लेकर मौल-मोलाई करते हैं. बातचीत तय हो जाने के बाद संबंधित गांव में ये बिचौलिया सीधे ट्रक लेकर पहुंच जाते हैं. यहां वाहन को खड़ा कर घर से निकलने वाले धान को ऑटोमेटिक तराजू में तोलकर वाहन में लोड किया जाता है.झारखंड में धान खरीद की व्यवस्था जटिल
अमाडीह गांव के किसान राजेश महतो का कहना है कि झारखंड में धान खरीद के लिए लैंप्स-पैक्स की व्यवस्था की गयी है. लेकिन यहां धान बेचने की प्रक्रिया इतनी जटिल है कि किसान चाहकर भी यहां धान बेच ही नहीं सकते हैं. मजबूरी में हम धान बंगाल के लोगों को बेच रहे हैं.राजधानी से भी जा रहा है धान
राजधानी के आसपास भी धान खरीदनेवाले एजेंट सक्रिय हैं. हर दिन राजधानी के रिंग रोड से लगे चौक-चौराहों से पश्चिम बंगाल, बिहार, यूपी, छत्तीसगढ़, ओडिशा के ट्रकों से धान राज्य से बाहर जा रहा है. एजेंट बिचौलियों के माध्यम से धान की बिक्री कर रहे हैं. एजेंट किसानों के खेतों से ही धान खरीद ले रहे हैं. राजधानी के आसपास भी किसानों से 1600 से 1700 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदा जा रहा है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है