रांची : यह पहली बार होगा कि कोरोना संकट के कारण इस बार भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा नहीं निकाली जायेगी. वहीं, मेला का भी आयोजन नहीं हो पायेगा. हालांकि, जगन्नाथपुर मंदिर के संस्थापक महाराज ऐनी नाथ शाहदेव के उत्तराधिकारी लाल प्रवीर नाथ शाहदेव ने एसडीओ लोकेश मिश्र को परंपरा के निर्वहन का प्रस्ताव दिया है. एसडीओ ने इस पर एक-दो दिन में निर्णय लेने की बात कही है.
श्री शाहदेव ने कहा कि कोरोना वायरस के कारण 329 वर्षों से चली आ रही परंपरा को टूटने नहीं देना है. साथ ही सरकार के निर्णय का भी पालन करना है. उन्होंने परंपरा को सांकेतिक रूप से संपन्न करने के लिए कई सुझाव भी दिये. उन्होंने कहा कि 22 जून को मीडिया के माध्यम से नेत्रदान अनुष्ठान आमलोगों को दिखाया जाये.
इस दौरान कपाट बंद कर केवल संबंधित पुजारियों व परंपरा से जुड़े लोगों से पूजा करायी जाये. 23 जून को मंदिर में स्थापित छोटे विग्रहों को एक छोटे से रथ पर रख कर पारंपरिक विधि-विधान से मौसीबाड़ी पहुंचाया जाये.
इस दौरान आमजनों की उपस्थिति पर पूरी तरह से पाबंदी रहे. वहीं, मंदिर के पुजारी ब्रजभूषणनाथ मिश्र ने कहा कि इस बार मेल का आयोजन नहीं किया जायेगा. रथ खींचने की परंपरा में लगभग 300 लोगों की जरूरत पड़ती है. ऐसे में किस तरह से वैकल्पिक व्यवस्था के साथ रथ खींचने की परंपरा को कायम रखा जाये.
Posted by : pritish sahay