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Ranchi News : सिरासिता नाले में छह फरवरी को जुटेंगे हजारों श्रद्धालु

गुमला के डुमरी प्रखंड के सिरसी गांव में है उरांव समुदाय का तीर्थस्थल सिरासिता नाला

रांची. गुमला के डुमरी प्रखंड स्थित सिरसी गांव में उरांव समुदाय के तीर्थस्थल सिरासिता नाले (ककड़ोलता) में इन दिनों बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंच रहे हैं. फरवरी के पहले गुरुवार (छह फरवरी) को झारखंड सहित कई राज्यों से श्रद्धालु सिरासिता नाले दर्शन और पूजा के लिए पहुंचेंगे. मान्यता के अनुसार फरवरी के पहले गुरुवार का विशेष महत्व है. केंद्रीय सरना समिति रांची के अजय तिर्की और समिति से जुड़े लोग तीन फरवरी को सिरासिता नाले के दर्शन के लिए पहुंचेंगे. अजय तिर्की की ओर से गुमला डीसी का ज्ञापन सौंपकर श्रद्धालुओं के लिए नागरिक सुविधाएं की व्यवस्था करने की मांग की गयी है.

उरांव समुदाय का उत्पति स्थल है

जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के सेवानिवृत्त विभागाध्यक्ष डॉ हरि उरांव ने कहा कि उरांव विश्वास के अनुसार यह स्थान उरांव समुदाय का उत्पति स्थल है. उन्होंने कहा कि दुनिया में पाप बढ़ने के बाद ईश्वर ने आधी धरती को आग से खत्म करने की बात सोची. हनुमान को यह दायित्व सौंपा गया कि आधी धरती के जलने के बाद वह ईश्वर को सूचित करेंगे और आग बुझ जायेगी. पर हनुमान फल खाने में व्यस्त रहे और पूरी पृथ्वी में आग लग गयी. अब मानव की सृष्टि कैसे हो. तभी ईश्वर ने सिरासिता नाले के ककड़ोलता में दो बच्चों (एक लड़का और लड़की) को छिपे देखा. बाद में उन्हीं दोनों से फिर से सृष्टि में मानव समुदाय की उत्पति हुई. यह स्थल आज उरांव समुदाय के लिए सबसे पवित्र धार्मिक स्थल के रूप में है. सिरासिरा नाला एक पहाड़ी के ऊपर स्थित है. जहां पर प्रतीकात्मक रूप में ककड़ोलता, डुमनी चुआं, धर्मे कंडो, गंगला खइड़ जैसे पवित्र स्थान हैं.

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