वरीय संवाददाता, रांची़ झारखंड हाइकोर्ट ने राज्यभर की अदालतों व अधिवक्ताओं की पुख्ता सुरक्षा को लेकर स्वत: संज्ञान से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई की. एक्टिंग चीफ जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद व जस्टिस अरुण कुमार राय की खंडपीठ से झारखंड स्टेट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी (झालसा) के प्रस्तावित भवन के निर्माण व अदालतों की सुरक्षा के मामले में सुनवाई के दाैरान राज्य सरकार की ओर से जवाब दायर करने के लिए समय देने का आग्रह किया गया, जिसे खंडपीठ ने स्वीकार कर लिया. साथ ही मामले की अगली सुनवाई के लिए खंडपीठ ने 19 सितंबर की तिथि निर्धारित की. इससे पूर्व राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन ने हाइकोर्ट व झालसा के शपथ पत्र पर जवाब दायर करने के लिए खंडपीठ से तीन सप्ताह का समय देने का आग्रह किया. महाधिवक्ता श्री रंजन ने बताया कि झालसा के नये भवन के निर्माण सहित जिला अदालतों में जरूरी बुनियादी सुविधा उपलब्ध कराने को लेकर राज्य सरकार प्रयासरत है. सरकार यह देखेगी कि जिले की किस-किस अदालत में निर्माण कार्य जरूरी है तथा झालसा के नये भवन के निर्माण में अब कितनी राशि खर्च होगी. वहीं हाइकोर्ट की ओर से अधिवक्ता सुमित गाड़ोदिया व झालसा की ओर से अधिवक्ता अतानु बनर्जी ने पैरवी की. उल्लेखनीय है कि अदालतों की सुरक्षा को गंभीरता से लेते हुए झारखंड हाइकोर्ट ने उसे जनहित याचिका में तब्दील कर दिया था. वहीं अधिवक्ता हेमंत कुमार सिकरवार ने हजारीबाग सिविल कोर्ट परिसर में गैंगस्टर सुशील श्रीवास्तव की हत्या की घटना को लेकर जनहित याचिका दायर की है. झारखंड स्टेट बार काउंसिल ने भी जनहित याचिका दायर की है. सभी याचिकाओं पर हाइकोर्ट एक साथ सुनवाई कर रही है.
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