लू से बचाव के लिए देसी उत्पाद अपनायें, छाछ और आम पन्ना पीयें
इस गर्मी में अप्रत्याशित गर्मी पड़ने और लू चलने की संभावना है. केंद्र सरकार इसे लेकर गंभीर है. सोमवार को नीति आयोग की एक उच्चस्तरीय बैठक हुई, जिसमें राज्यों के साथ इस समस्या से निबटने की तैयारियों पर चर्चा की गयी. वहीं, केंद्र की ओर से लू से बचाव को लेकर राज्यों को विशेष दिशानिर्देश जारी किये जा हैं.
इस गर्मी में अप्रत्याशित गर्मी पड़ने और लू चलने की संभावना है. केंद्र सरकार इसे लेकर गंभीर है. सोमवार को नीति आयोग की एक उच्चस्तरीय बैठक हुई, जिसमें राज्यों के साथ इस समस्या से निबटने की तैयारियों पर चर्चा की गयी. वहीं, केंद्र की ओर से लू से बचाव को लेकर राज्यों को विशेष दिशानिर्देश जारी किये जा हैं. इसी कड़ी में झारखंड को भी 40 पन्नों का एक प्रोटोकॉल और एसओपी भेजा गया है. गर्मी के दौरान घर में बने पेय पदार्थ जैसे कि लस्सी, नमक-चीनी का घोल, नींबू पानी, छाछ, पुदीना से बना आम का पन्ना आदि का सेवन करने की सलाह दी गयी है. अपने घर को ठंडा रखने और पर्दा, शटर आदि का इस्तेमाल करने के साथ ही रात में खिड़कियां खुली रखने और ठंडे पानी से बार-बार नहाने की सलाह दी गयी है. इसके अलावा जानवरों को छांव में रखने और उन्हें बार-बार पानी देने के लिए कहा गया है. केंद्र की ओर से एसओपी में जलवायु परिवर्तन और बढ़ती गर्मी का जिक्र किया गया है. साथ ही राज्य के मैदानी इलाकों में बढ़ते तापमान व आर्द्रता पर नजर रखने और विशेष एहतियाती इंतजाम करने की सलाह दी गयी है. वहीं, गर्मी के मौसम में स्वास्थ्य सेवा में आपातकालीन देखभाल और इससे निबटने की तकनीकों का विस्तार से उल्लेख किया गया है. एसओपी में हीट स्ट्रोक रूम, रेस्ट कॉर्नर, दवाओं, एंबुलेंस, निरंतर आइसिंग और शरीर ठंडा रखने के लिए संबंधित मरीजों को भर्ती करने के लिए अलग प्रावधान बताये गये हैं. अस्पतालों को हीट स्ट्रोक के इमरजेंसी उपचार और इससे निबटने के लिए बॉडी बैग कूलिंग तकनीक अपनाने के लिए कहा गया है.