रांची, संजीव सिंह:
आज तंबाकू का सेवन करना युवाओं के जीवन का हिस्सा बन गया है. होनहार विद्यार्थी इसके चक्कर में पड़कर दिशाहीन हो करियर बर्बाद कर रहे हैं. कम उम्र में दोस्तों के साथ एक बार ट्राइ करने के नाम पर शुरू किया गया तंबाकू का सेवन जीवन भर की लत बन जाती है. इसके बाद डिप्रेशन समेत कई प्रकार के मनोविकार उत्पन्न हो जाते हैं. इससे निकल पाना काफी मुश्किल होता है.
तंबाकू की लत से निकलने के लिए मजबूत इच्छाशक्ति की जरूरत होती है. सौ में मात्र दस फीसदी ही तंबाकू छोड़ पाते हैं. ऐसा कांके स्थित केंद्रीय मन: चिकित्सा संस्थान (सीआइपी) के चिकित्सकों का भी मानना है. सीआइपी के निदेशक डॉ वासुदेव दास व नशा विमुक्ति केंद्र के प्रभारी डॉ संजय कुमार मुंडा के अनुसार, यह ट्रेंड खतरनाक है. चिकित्सकों ने बताया कि मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति सबसे ज्यादा तंबाकू का प्रयोग करते हैं.
संस्थान में भर्ती मरीजों के सर्वे में पाया गया है कि 40 से 50 प्रतिशत रोगी तंबाकू का सेवन करते हैं. वहीं महिलाओं में खास कर ग्रामीण महिलाएं तंबाकू, खैनी, गुल, बीड़ी का प्रयोग ज्यादा करती हैं, जबकि शहर की युवतियां व महिलाएं सिगरेट खास कर ई-सिगरेट का सेवन करती हैं. डॉ मुंडा ने बताया कि तंबाकू सेवन नशा करने की पहली सीढ़ी होती है. तंबाकू के बाद गांजा, भांग, शराब व ड्रग्स की ओर कदम बढ़ता है.
दोस्तों से शुरू होता है प्रचलन :
नशा विमुक्ति केंद्र के प्रभारी डॉ संजय मुंडा ने कहा कि तंबाकू के सेवन की शुरुआत दोस्तों के बीच से शुरू होती है.
सीआइपी में तंबाकू की लत से बीमार पड़े युवाओं के इलाज के लिए सेंटर खोला गया है. बुधवार व शनिवार को ओपीडी क्लीनिक खुलता है. डॉ संजय ने कहा है कि कई लोग इससे छुटकारा पाना चाहते हैं, लेकिन सीआइपी आना नहीं चाहते हैं. इसलिए सीआइपी ने टॉल फ्री नंबर भी 9334915049 जारी किया है.
नशे की शुरुआत तंबाकू से होती है, जो बाद में गांजा, भांग, शराब, ड्रग्स की ओर बढ़ती है
कम उम्र में दोस्तों से होती है तंबाकू सेवन की शुरुआत, जो धीरे-धीरे बन जाती है आदत
तंबाकू सेवन से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो सीआइपी के टॉल फ्री नं 9334915049 पर करें कॉल