रांची (विशेष संवाददाता). रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ अजीत कुमार सिन्हा ने कहा है कि तंबाकू उत्पादों का सेवन लोग पहले शौक से शुरू करते हैं. जो बाद में लत का रूप ले लेता है और मौत का प्रमुख कारण बन जाता है. तंबाकू उत्पादन में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है, जिसका व्यापक प्रभाव यहां के लोगों में दिखता है. कुलपति का यह संदेश शुक्रवार को रांची विवि एनएसएस द्वारा आइएमएस में मनाये गये विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में पढ़ कर सुनाया गया. इस अवसर पर विवि के डीएसडब्ल्यू डॉ सुदेश कुमार साहू ने कहा कि तंबाकू एक प्रकार से धीमा जहर है, जो व्यक्ति की जिंदगी में आसानी से घोल रहा है. मनुष्य की दृढ़ इच्छाशक्ति के आधार पर तंबाकू उत्पादों के सेवन से बचा जा सकता है. इससे पूर्व आइएमएस के निदेशक डॉ वीएस तिवारी ने आगंतुकों का स्वागत किया. एनएसएस को-ऑर्डिनेटर डॉ ब्रजेश कुमार ने विषय प्रवेश कराते हुए कहा कि इस कार्यक्रम का थीम बच्चों को तंबाकू उद्योग के हस्तक्षेप से बचाना रखा गया है. कार्यक्रम में को-ऑर्डिनेटर डॉ नीलू सिंह, डॉ किशोर सुरीन, डॉ तारकेश्वर सिंह मुंडा, डॉ हैप्पी भाटिया, डॉ सुजाता टेटे, डॉ अमित शेखर तिर्की, डॉ सोनी कुमारी, डॉ नलिन त्रिपाठी, डॉ मनीषा, डॉ पूजा, रणधीर कुमार आदि ने भी अपने विचार रखे. संचालन निकिता व मधु ने तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ शिल्पी आभा खलखो ने किया. निदेशक डॉ तिवारी ने सभी शिक्षकों व विद्यार्थियों को तंबाकू का सेवन नहीं करने की शपथ दिलायी. कार्यक्रम को सफल बनाने में दीपक, राहुल, अभिषेक, बेन, अमित, शिवानी, बबलू, अभिलाषा आदि का उल्लेखनीय योगदान रहा.
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