आज एकांतवास से बाहर आयेंगे प्रभु, नेत्रदान अनुष्ठान होगा

भगवान जगन्नाथ प्रभु 15 दिनों के एकांतवास के बाद शनिवार को भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ बाहर आयेंगे. उनके आगमन की खुशी में शाम चार बजे नेत्रदान अनुष्ठान शुरू होगा.

By Prabhat Khabar News Desk | July 6, 2024 1:02 AM

रांची़ भगवान जगन्नाथ प्रभु 15 दिनों के एकांतवास के बाद शनिवार को भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ बाहर आयेंगे. उनके आगमन की खुशी में शाम चार बजे नेत्रदान अनुष्ठान शुरू होगा. इसके बाद भगवान भक्तों को दर्शन देंगे. 108 दीपों से भगवान की मंगलआरती, जगन्नाथ अष्टकम, गीता के द्वादश अध्याय का पाठ और भगवान की स्तुति होगी. मालपुआ सहित अन्य मिष्ठानों का भोग लगाया जायेगा. भगवान रात नौ बजे तक भक्तों को दर्शन मंडप में दर्शन देंगे और यहीं रात्रि विश्राम करेंगे. सात जुलाई को रथ यात्रा है. सुबह चार बजे से ही भक्त भगवान की पूजा के लिए कतारबद्ध होने लगेंगे. दोपहर दो बजे के बाद भगवान को बारी-बारी से रथारुढ़ किया जायेगा. रथ के ऊपर भगवान के सभी विग्रहों का शृंगार होगा. विष्णु सहस्त्रनाम अर्चना होगी. इस अनुष्ठान के बाद विष्णु सहस्त्रनाम अर्चना और मंगल आरती होगी. फिर रथ में रस्सा बंधन होगा और शाम पांच बजे रथयात्रा शुरू होगी. सभी भक्त रस्सी के सहारे भगवान का रथ खींच कर मौसीबाड़ी लायेंगे, जहां महिलाएं रथ पर भगवान की पूजा करेंगी. शाम सात बजे तक सभी विग्रहों को मौसीबाड़ी में रखा जायेगा. आरती और भोग निवेदन किया जायेगा. रात आठ बजे भगवान का पट बंद कर दिया जायेगा. अगले दिन सुबह पांच बजे पट खुलेगा और प्रभु भगवान की पूजा होगी. सुबह छह बजे मंगलआरती व बाल भोग लगाया जायेगा. दोपहर 12 बजे अन्न भोग लगाया जायेगा. वहीं दोपहर 12:10 बजे पट बंद हो जायेगा. तीन बजे मंदिर का पट पुन: खुलेगा, जो रात आठ बजे तक खुला रहेगा. शाम 7:30 बजे आरती व भोग निवेदन होगा. इसके बाद रात आठ बजे पट बंद हो जायेगा. यह क्रम 16 जुलाई तक चलेगा. 16 जुलाई को रात में भगवान को गुंडिचा भोग लगाया जायेगा. खीर, खिचड़ी और सब्जी का भोग लगेगा. 17 जुलाई को घुरती रथ यात्रा है.

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