Jharkhand Niyojan Niti 60-40 Protest: झारखंड नियोजन नीति 60-40 के विरोध में आज 18 अप्रैल को पूरे झारखंड के जिला और प्रखंड मुख्यालय में मशाल जुलूस निकाला जायेगा. रांची में जयपाल सिंह स्टेडियम के समक्ष एकत्रित होकर छात्र शाम पांच बजे अल्बर्ट एक्का चौक तक मशाल जुलूस निकालेंगे. 19 अप्रैल को सुबह से सड़क पर उतरकर झारखंड बंद कराया जायेगा. आकस्मिक सेवा को इस बंदी से मुक्त रखा गया है.
बता दें कि झारखंड नियोजन नीति 60-40 के विरोध में छात्र संगठनों का 72 घंटे का आंदोलन सोमवार से ही शुरू हो गया है. बड़ी संख्या में छात्र व छात्राएं सीएम आवास घेरने पहुंचे थे. वे लोग कांके रोड राम के मंदिर के पास बैरिकेडिंग पार करने का प्रयास करने लगे. उन्हें रोकने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था. इसमें कई छात्रों के सिर फूट गये थे. कई के पीठ व पैर में चोट लगे थे. सड़क पर पुलिस और छात्रों के बीच नोंकझोक देखी गई. पुलिस के बल प्रयोग करने के बाद छात्र पीछे हटे.
राहगीरों को भी परेशानी हुई थी. कई मोटरसाइकिल सवार सड़क पर गिर गये थे. पुलिस ने 41 प्रदर्शनकारी छात्रों को गिरफ्तार कर दो बसों में खेलगांव स्टेडियम स्थित कैंप जेल भेज था. जिनकी गिरफ्तारी हुई, उनमें छात्र नेता देवेंद्रनाथ महतो, मोती लाल महतो, मनोज यादव, महिला छात्र मोर्चा की बेबी महतो आदि शामिल थे. देर रात गोंदा थाना में छात्र नेताओं के खिलाफ नामजद व आठ सौ अज्ञात के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी. इधर, पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत छात्र मंगलवार को पूरे राज्यभर में मशाल जुलूस निकालेंगे. बुधवार को झारखंड बंद का आह्वान किया गया है. इस बंद को झामुमो के ही विधायक लोबिन हेंब्रम और सेंगल अभियान के नेता सालखन मुरमू ने भी समर्थन दिया है.
मोरहाबादी मैदान में मोती लाल महतो व अन्य छात्रों ने कहा कि यदि सरकार सही से स्थानीय नीति, नियोजन नीति बना लेती और सही से वैकेंसी निकालती , तो हमें आंदोलन करने की जरूरत ही नहीं थी. यह 60:40 की नीति स्थानीय नीति से ही जुड़ी है. इसलिए सबसे पहले सरकार परिभाषित करे कि झारखंडी कौन है. जब परिभाषित हो जाये, तब नियोजन नीति बनाये. नियोजन नीति इस तरह बनाये कि इसमें 90 हमारे युवाओं के लिए और 10 बाहर के युवाओं के लिए जगह हो. अफसर के जो पद हैं, उसमें 75 से 80 प्रतिशत हमारे लिये और बाकी बाहर के लोगों के लिए रखे. 60: 40 जैसी नीति पूरे भारत में कहीं नहीं है. झारखंड एकमात्र ऐसा राज्य, जो बाबाजी का ढाबा बना हुआ है, जहां 100 में से 40 सीटें बाहर के लोगों को दी जाती हैं. सरकार यदि हमारे पक्ष में बैरियर नहीं लगाती है, तो हमारी नौकरियां बाहरी के हाथों में चली जायेंगी.
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छात्रों ने कहा कि देश के अन्य राज्यों ने भाषा के आधार पर बैरियर लगाया है. स्थानीय नीति के आधार पर बैरियर लगाया है. ऐसे बहुत सारे बैरियर लगाये हैं. जैसे ओड़िशा में फार्म भरने के लिए उड़िया पढ़ना, लिखना, बोलना, समझना आना चाहिए. उड़िया भाषा में कम से कम सात कक्षा तक पढ़ाई करनी होगी. हमारे यहां हिंदी, अंगरेजी, उर्दू, संस्कृत, बांग्ला, उड़िया को भी क्षेत्रीय भाषा में शामिल कर लिया गया है. छात्रों ने यह भी कहा कि यदि भारत का निवासी ही मानना है, तो झारखंड क्यों बनाया गया? झारखंड अलग राज्य की लड़ाई क्यों लड़ी गयी थी, सभी राज्यों में ग्रेड तीन और चार में शत-प्रतिशत नियुक्ति स्थानीय की होती है.