किराया बहुत कम, फिर भी नहीं देते पंडरा बाजार समिति के व्यापारी, दो करोड़ से अधिक का बकाया
पंडरा में पांच रुपये प्रति वर्गफीट है दुकान का किराया. पंडरा बाजार समिति के बाहर 55-65 रुपये प्रति वर्गफीट है किराया.
राजेश कुमार, रांची. बाजार से काफी कम किराया होने के बाद भी व्यापारी समय पर किराया नहीं चुकाते हैं. यह हाल पंडरा बाजार समिति सहित झारखंड की विभिन्न बाजार समितियों का है. अकेले पंडरा बाजार के व्यापारियों पर ही दो करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है. पंडरा बाजार समिति में पांच रुपये प्रति वर्गफीट किराया है, जबकि बाजार समिति के बाहर समिति से 11 गुना तक अधिक किराये पर दुकानें मिलती हैं. बाजार समिति के बाहर 55 से 65 रुपये प्रति वर्गफीट तक किराया है. इसके बाद भी समय पर व्यापारी किराया नहीं चुका रहे हैं.
अपनी मर्जी से चुकाते हैं किराया
बाजार समिति के कई व्यापारी अपनी मर्जी के अनुसार किराया चुकाते हैं. हर माह समय पर किराया नहीं देते हैं. कोई व्यापारी छह-छह माह, तो कोई इससे भी अधिक समय पर किराया देते हैं. बाजार समिति के सुपरवाइजर किराया के लिए कई बार जाते हैं, तब व्यापारी किराया देते हैं. अकेले पंडरा बाजार समिति में मुख्य मंडी और आलू मंडी में लगभग 801 दुकानें हैं. हर माह लगभग 130-150 करोड़ रुपये का कारोबार होता है.
15 दिनों के भीतर किराया वसूलने का निर्देश
इधर, झारखंड राज्य कृषि विपणन पर्षद (मार्केटिंग बोर्ड) ने विभिन्न बाजार समितियों से समय पर किराया नहीं मिलने को गंभीरता से लिया है. बोर्ड के एमडी फैज अक अहमद मुमताज ने सभी बाजार समितियों के पणन सचिव को बकाया वसूली के लिए निर्देश दिया है. निर्देश में कहा गया है कि किराया की वसूली अपडेट नहीं है. आवंटित दुकान, गोदाम, सैंड्री शॉप के बकाया किराया की शत-प्रतिशत वसूली 15 दिनों में करें. साथ ही इसकी जानकारी देना सुनिश्चित करें.
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