रांची. राजधानी के धुर्वा स्थित स्मार्ट सिटी में देश का 11वां ट्रैफिक चिल्ड्रेन पार्क बन रहा है. 25 प्रतिशत से ज्यादा काम हो गया है. पार्क के निर्माण पर करीब 14 करोड़ रुपये खर्च होंगे. चिल्ड्रेन पार्क बनने से कई तरह के फायदे होंगे. विभागीय अधिकारी बताते हैं कि सड़कों पर यातायात का बोझ बढ़ता जा रहा है और उसके अनुसार ट्रेंड ड्राइवर की कमी है. राज्य में औसतन रोजाना 10 से 11 लोगों की मौत सड़क हादसे में होती है.
बच्चों के मनोरंजन का भी ख्याल रखा जायेगा
ट्रैफिक पार्क बनने से वाहन चलाने के तरीके, ट्रैफिक से जुड़े चिह्न और नियमों की जानकारी बच्चों और उनके अभिभावकों को मिल सकेगी. अंडरपास, सिग्नल, रेलवे फाटक व सड़क के तीखे मोड़ सहित अन्य स्थानों पर लगे साइन बोर्ड, विभिन्न प्रकार के वाहनों की गति कहां पर कितनी रहती है, इसकी भी जानकारी दी जायेगी. वाहनों के ओवरटेक करने पर क्या नुकसान होता है, इसकी जानकारी भी ट्रैफिक पार्क में आसानी से लोगों को मिलेगी. पार्क में बच्चों के मनोरंजन का भी ख्याल रखा जायेगा.
बैटरी वाहन की व्यवस्था होगी
खेलकूद के सामान के साथ बैटरी वाहन की व्यवस्था होगी. बैटरी गाड़ी चलाते वक्त ट्रैफिक सिग्नल के महत्व की जानकारी बच्चों को दी जायेगी. पूर्व में परिवहन विभाग ने ट्रैफिक चिल्ड्रेन पार्क एचइसी द्वारा आवंटित जमीन पर बनाने का निर्णय लिया था. इसके लिए डीपीआर तैयार कराने के बाद टेंडर निकाल कर संवेदक को कार्य आवंटित कर दिया गया था. लेकिन जिस दिन कार्य शुरू होना था, उस दिन एचइसी ने विरोध दर्ज कराते हुए निर्माण कार्य पर रोक लगा दी थी. एचइसी का कहना था कि बिहार पथ परिवहन निगम को पूर्व में उक्त जमीन लीज पर दी गयी थी, जिसकी समय सीमा 2004 में ही समाप्त हो गयी. इसके बाद परिवहन निगम और एचइसी के अधिकारियों के बीच कई बैठकें हुईं, लेकिन कोई रास्ता नहीं निकला. बाद में पार्क के लिए स्मार्ट सिटी में साढ़े चार एकड़ के करीब जमीन चिह्नित की गयी.
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