रांची के सुजाता चौक पर ट्रैफिक पुलिस से मारपीट, वर्दी उतरवाने की दी धमकी

सिरम टोली चौक की ओर से एक कार चालक अपनी कार लेकर सुजाता चौक आया और लेफ्ट फ्री लेन में खड़ा कर दिया. इस कारण वहां जाम की स्थिति उत्पन्न हो गयी.

By Prabhat Khabar News Desk | December 24, 2023 1:38 AM

रांची : सुजाता चौक पर ट्रैफिक पुलिस के साथ मारपीट, वर्दी उतारने की धमकी देने और सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के आरोप में गिरफ्तार युवक मो अरबाज खान को चुटिया थाना ने जमानत पर छोड़ दिया. युवक के पिता का नाम सलमान खान है. वह लोअर बाजार थाना क्षेत्र के मेन रोड गुरुद्वारा के समीप का रहने वाला है. मामले को लेकर ट्रैफिक पोस्ट पर ड्यूटी में तैनात आरक्षी बीरेंद्र कुमार ने चुटिया थाना में केस दर्ज कराया है.

आरक्षी बीरेंद्र कुमार ने बताया कि वह सुजाता चौक पर यातायात व्यवस्था का संचालन कर रहे थे. इसी दौरान सिरम टोली चौक की ओर से एक कार चालक अपनी कार लेकर सुजाता चौक आया और लेफ्ट फ्री लेन में खड़ा कर दिया. इस कारण वहां जाम की स्थिति उत्पन्न हो गयी. जब चालक को लेफ्ट फ्री लेन से आगे बढ़ने का इशारा किया गया, तब वह अपनी गाड़ी लेकर आगे चला गया और कुछ दूरी पर अपनी गाड़ी खड़ी कर कार से बाहर निकल कर ट्रैफिक पोस्ट के पास आया. इसके बाद वह आरक्षी के साथ गाली-गलौज करते करते हुए यातायात पोस्ट पर चढ़ गया.

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इस घटना के बाद आरोपी युवक उसके साथ गलत व्यवहार करते हुए हाथापाई करने लगा. जब उन्होंने गाली देने का कारण पूछा, तब युवक वर्दी उतरवाने की धमकी देने लगा. युवक को धक्का-मुक्की करते देखकर ट्रैफिक पोस्ट प्रभारी साइमन किस्कू सहित अन्य जवान वहां पहुंचे. इन्होंने भी युवक को शांत कराने की कोशिश की, लेकिन युवक हंगामा करते हुए गाली-गलौज करता रहा. इसी बीच युवक के दोस्त भी वहां पहुंच गये और हंगामा करने लगे. भीड़ इकट्ठा होने पर वहां ट्रैफिक जाम की स्थिति उत्पन्न हो गयी.

पुलिस सूत्रों के अनुसार अमूमन इस तरह के केस में थानेदार आइपीसी की अन्य धाराओं के साथ 353 का केस करते हैं. यह धारा जमानती नहीं है. इस धारा में पुलिस तब केस दर्ज करती है, जब किसी के साथ मारपीट, धक्का-मुक्की कर सरकारी काम में बाधा पहुंचायी जाती है. इसलिए इस केस में गिरफ्तार आरोपी को पुलिस न्यायिक हिरासत में जेल भेज देती है. लेकिन अरबाज के मामले में पुलिस ने आइपीसी की अन्य धाराओं के साथ 186 के तहत केस दर्ज किया. यह धारा किसी को सामान्य तरीके से सरकारी काम में बाधा पहुंचाने के आरोप में दर्ज होता है. यह धारा जमानती है.

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