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जाम से मुक्ति के लिए रांची ट्रैफिक पुलिस ने तैयार किया प्रस्ताव : परमिट वाले ऑटो ही चलें, सिटी बसों की संख्या भी बढ़े

चुनाव के बाद रांची नगर निगम, जिला परिवहन विभाग, जिला प्रशासन और डीटीओ को भेजा जायेगा प्रस्ताव.

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अजय दयाल, रांची. ऑटो और ई-रिक्शा राजधानीवासियों के लिए सिरदर्द बन गये हैं. इनकी वजह से शहर की हर सड़क जाम रहती है. दोपहिया और चार पहिया वाहन सड़कों पर जूझते नजर आते हैं. शहरवासी कई बार इसकी शिकायत सरकार और ट्रैफिक पुलिस से कर चुके हैं. इन्हीं शिकायतों के मद्देनजर रांची की ट्रैफिक पुलिस ने एक प्रस्ताव तैयार किया है, जिसमें शहर की मुख्य सड़कों पर परमिट वाले ऑटो व ई-रिक्शा के परिचान, बाहरी ऑटो व ई-रिक्शा के प्रवेश पर रोक और सिटी बसों की संख्या बढ़ाने की बात कही गयी है. लोकसभा चुनाव समाप्त होने के बाद यह प्रस्ताव रांची नगर निगम, जिला परिवहन विभाग, जिला प्रशासन और डीटीओ को भेजा जायेगा.

रांची ट्रैफिक पुलिस की ओर से तैयार किये गये प्रस्ताव में लिखा है कि शहर में केवल परमिट वाले ऑटो का ही परिचालन हो. ग्रामीण इलाके से आनेवाले ऑटो को शहर में प्रवेश ही नहीं करने दिया जाये़ वहीं, रांची नगर निगम की ओर से चलायी जा रही सिटी बसों की संख्या बढ़ायी जाये. फिलहाल शहर में 5330 ऑटो (पेट्रोल, डीजल व सीएनजी) के पास परमिट है, जबकि राजधानी की सड़कों पर लगभग 15 हजार से अधिक ऑटो दौड़ रहे हैं. वहीं, लगभग 7000 ई-रिक्शा भी शहर की मुख्य सड़कों पर चलते हैं. ई-रिक्शा को पैडल रिक्शा की तरह बाइलेन में चलने की इजाजत होगी़ यदि नगर निगम उनको रूट पास देता है, तो कुछ ई-रिक्शा का परिचालन मुख्य मार्ग पर होगा. इन प्रयासों से राजधानी के मुख्य सड़कों को जाम से मुक्त बनाया जा सकता है.

प्रस्ताव अमल में आया, तो जाम से मिलेगी मुक्ति

राजधानी की ट्रैफिक पुलिस का कहना है कि राजधानी की सड़कों की चौड़ाई तो वही है, लेकिन इन्हीं सड़कों पर प्रतिदिन सैकड़ों वाहनों का बोझ बढ़ रहा है. यदि उक्त प्रस्ताव को अमली जामा पहना दिया जाता है, तो रांची वासियों को भविष्य में जाम से मुक्ति मिल जायेगी़ वर्तमान में तीन फ्लाइओवर बन रहे है़ं तीनों फ्लाइओवर के क्रियाशील होने पर भी काफी हद तक लोगों को जाम से राहत मिलेगी़

पहले भी कई बार बनाये जा चुके हैं ऐसे प्रस्ताव

रांची को राजधानी बने 25 वर्ष होने चुके हैं, लेकिन आज तक जाम से मुक्ति के लिए रांची पुलिस या जिला प्रशासन ने कोई भी सख्त कदम नहीं उठाया है़ इस कारण स्थिति जस की तस है. इससे पहले भी इस तरह के कई प्रस्ताव बन चुके है़ं, लेकिन इसका फायदा आमलोगों को नहीं मिल सका है. जब-जब हाइकोर्ट ट्रैफिक को लेकर सख्त होता है, ट्रैफिक पुलिस व जिला प्रशासन रेस हो जाती है.

बोले अधिकारी

चुनाव के बाद प्रस्ताव सभी विभागों के पास भेज दिया जायेगा. राजधानी को जाम से मुक्त करने के लिए सख्त कदम उठाना आवश्यक है, वरना राजधानीवासी हमेशा जाम से त्रस्त रहेंगे. वैसे ट्रैफिक पुलिस ने राजधानी के मुख्य मार्गों को जाम से मुक्त कराने का पूरा प्रयास किया है़ जाम से मुक्ति के लिए लोगों को भी इसमें सहयोग करना पड़ेगा.

कैलाश करमाली, ट्रैफिक एसपीB

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