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झारखंड के पलास्थली से बंगाल के अंडाल तक कब चलेगी ट्रेन? आश्वासन समिति की बैठक में स्पीकर को मिली ये जानकारी

झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो के कार्यालय में गुरुवार को आश्वासन समिति की बैठक आयोजित की गयी. इस बैठक में झारखंड के पलास्थली से बंगाल के अंडाल रेलवे मार्ग का परिचालन फिर से शुरू करने को लेकर की गयी कार्रवाई की समीक्षा की गयी. रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि सर्वे का काम पूरा हो चुका है.

रांची: झारखंड के पलास्थली से बंगाल के अंडाल तक ट्रेन के परिचालन को लेकर झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो ने गुरुवार को आश्वासन समिति की बैठक की. इस दौरान उन्होंने कहा कि सीएम हेमंत सोरेन भी इसे लेकर गंभीर हैं. उन्होंने रेल मंत्री के संज्ञान में इसे दिया है. आसनसोल रेलवे डिविजन के एडीआरएम आशीष भारद्वाज एवं डिविजनल इंजीनियर विनोद कुमार ने झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रबीन्द्रनाथ महतो को जानकारी दी कि पलास्थली रेलवे लाइन के परिचालन को लेकर सर्वे का काम पूरा किया जा चुका है. राशि का प्राक्कलन कर संबंधित जोनल मैनेजर के माध्यम से रेलवे बोर्ड को स्वीकृति के लिए भेजा जा चुका है. इस पर झारखंड के स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने समीक्षा बैठक में परिवहन विभाग के संयुक्त सचिव ब्रजेंन्द्र हेमरोम को निर्देश दिया कि प्राक्कलन राशि की स्वीकृति के लिए रेलवे बोर्ड से समन्वय स्थापित करें, ताकि तेजी से कार्य हो सके.

स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने की समीक्षा बैठक

झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो के कार्यालय में गुरुवार को आश्वासन समिति की बैठक आयोजित की गयी. इस बैठक में झारखंड के पलास्थली से बंगाल के अंडाल रेलवे मार्ग का परिचालन फिर से शुरू करने करने के संबंध में पूर्व में हुई बैठकों के निमित्त की गयी कार्रवाई की समीक्षा स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने की.

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परिचालन मार्ग की कुल लंबाई है 27 किलोमीटर

रेल मार्ग का 9 किलोमीटर भाग, जिसके अंतर्गत पलास्थली एवं लक्ष्मणपुर रोड का रेलवे स्टेशन अवस्थित है. ये झारखंड के जामताड़ा जिले के नाला प्रखंड में पड़ता है. शेष रेलवे मार्ग पश्चिम बंगाल की सीमा के अंतर्गत आता है. इस परिचालन मार्ग की कुल लंबाई 27 किलोमीटर है.

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2021 में ये मामला आया था विधानसभा में

आपको बता दें कि वर्तमान में बंगाल क्षेत्र में पड़ने वाले रेलवे लाइन के कुछ भाग में मालवाहक रेलगाड़ियां अभी भी परिचालित होती हैं. ध्यानाकर्षण के माध्यम से बजट सत्र-2021 में यह मामला विधानसभा में आया था. इस संबंध में पूर्व में भी कई बैठकें हो चुकी हैं, ताकि इस रेलवे लाइन को पूरी तरह बहाल किया जाए. आज की बैठक में आसनसोल रेलवे डिविजन के ADRM आशीष भारद्वाज एवं विनोद कुमार (डिविजनल इंजीनियर) उपस्थित थे.

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स्वीकृति के लिए भेजा गया है रेलवे बोर्ड को

आसनसोल रेलवे डिविजन के एडीआरएम आशीष भारद्वाज एवं डिविजनल इंजीनियर विनोद कुमार ने झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रबीन्द्रनाथ महतो को बताया कि पलास्थली रेलवे लाइन के परिचालन करने के संबंध में सर्वे के काम पूरे किए जा चुके हैं एवं राशि का प्राक्कलन कर संबंधित जोनल मैनेजर के माध्यम से रेलवे बोर्ड को स्वीकृति प्रदान करने लिए भेजा जा चुका है.

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परिवहन विभाग के संयुक्त सचिव को स्पीकर ने दिया निर्देश

झारखंड विधानसभा के अध्यक्ष रबींद्रनाथ महतो ने बैठक में कहा कि पलास्थली अण्डाल रेलवे मार्ग को फिर से बहाल करने के संबंध में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा भी प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने इस मामले को रेल मंत्री (भारत सरकार) के संज्ञान में दिया है. झारखंड के स्पीकर रबींद्रनाथ महतो ने बैठक में परिवहन विभाग के संयुक्त सचिव ब्रजेंन्द्र हेमरोम को यह निर्देशित किया है कि प्राक्कलन राशि की स्वीकृति के लिए रेलवे बोर्ड से समन्वय स्थापित करें, ताकि कार्य की प्रगति तेजी हो सके.

आश्वासन समिति की इस बैठक में ये थे उपस्थित

आश्वासन समिति की इस बैठक में आश्वासन समिति झारखंड विधानसभा के सभापति दीपक बिरुवा, समिति की सदस्य अंबा प्रसाद एवं विशेष आमंत्रित सदस्या दीपिका पांडेय सिंह मौजूद रहीं.

सीएम हेमंत सोरेन ने रेल मंत्री को लिखा था पत्र

पिछले दिनों मुख्यमंत्री हेमंत साेरेन ने जामताड़ा अंतर्गत नाला के बंद पड़ी पलास्थली रेलवे लाइन को फिर चालू करने के लिए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिखा था. रेल मंत्री को भेजे पत्र में उन्होंने लिखा था कि नाला के ईसीएल के लीज भूमि पर अवैध उत्खनन होने के कारण जामताड़ा जिले के पलास्थली स्टेशन से पश्चिम बंगाल के अंडाल तक रेल सेवाओं का परिचालन 26 सितंबर 2002 से बंद है. इस रेल लाइन में 9 किमी भाग एवं दो रेल स्टेशन पलास्थली तथा लक्ष्मणपुर रोड झारखंड में स्थित है. पत्र में उन्होंने यह भी जिक्र किया था कि पूर्व में इस रेल लाइन में दो ट्रेनों का परिचालन होता था, जिससे गरीबों एवं कमजोर वर्ग के लोग काफी लाभान्वित होते थे. साथ ही छात्रों द्वारा भी उच्च शिक्षा के लिए पश्चिम बंगाल आवागमन के लिए उन ट्रेनों का उपयोग किया जाता था, लेकिन सेवा बंद होने से लोगों की परेशानी बढ़ गयी है. कृपया इसे फिर से शुरू कराया जाए.

सीएम हेमंत सोरेन की मांग पर लोगों में थी खुशी

पत्र के माध्यम से उन्होंने कहा था कि मरीज एवं श्रमिक वर्ग के लोग रोजगार समेत इलाज के लिए बंगाल के अंडाल एवं रानीगंज जाया करते थे, लेकिन ट्रेनों के बंद होने से आमजनों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए नाला के इस रेल लाइन को दोबारा चालू करने के लिए आग्रह करते हुए पलास्थली से जामताड़ा तक विस्तार करने के लिए रेलवे बोर्ड को पत्र दिया था. नाला में रेल लाइन को चालू करने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा संवेदनशीलता दिखाने पर नाला विधानसभा क्षेत्र के लोगों में काफी खुशी थी.

परिवहन सचिव और रेल निदेशक ने पिछले साल किया था निरीक्षण

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर पिछले साल राज्य के परिवहन सचिव के रवि कुमार और इंडियन रेलवे सर्विस आफ इंजीनियरिंग के निदेशक एके सिंह ने संयुक्त रूप से नाला में बंद रेलमार्ग का निरीक्षण किया था. निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने इस रेल सेवा को फिर से चालू करने की बात पर सहमति जताई थी, लेकिन अब तक ये सेवा शुरू नहीं की गयी है.

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