Railway News : हो गया सर्वे, चतरा, खूंटी, गुमला और सिमडेगा में भी दौड़ेगी रेल
झारखंड के चार और जिले- गुमला, खूंटी, सिमडेगा व चतरा आनेवाले दिनों में देश के रेल नेटवर्क से जुड़ जायेंगे. ये चारों जिले रांची रेल मंडल के अंतर्गत आयेंगे. गुमला, खूंटी और सिमडेगा जिले को पहले से संचालित रांची-लोहरदगा रेल मार्ग में जोड़ने की योजना है. जबकि, चतरा को रांची-हजारीबाग रोड रेल मार्ग से जोड़ने की तैयारी है.
राजेश झा (रांची). झारखंड के चार और जिले- गुमला, खूंटी, सिमडेगा व चतरा आनेवाले दिनों में देश के रेल नेटवर्क से जुड़ जायेंगे. ये चारों जिले रांची रेल मंडल के अंतर्गत आयेंगे. गुमला, खूंटी और सिमडेगा जिले को पहले से संचालित रांची-लोहरदगा रेल मार्ग में जोड़ने की योजना है. जबकि, चतरा को रांची-हजारीबाग रोड रेल मार्ग से जोड़ने की तैयारी है. इसके लिए झारखंड रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड(जेआरआइडीसीएल) ने सर्वे का काम पूरा कर लिया है. इस रिपोर्ट को राज्य सरकार ने रेलवे बोर्ड को स्वीकृति के लिए भेज दिया है. वहां से स्वीकृति मिलने के बाद योजना डीपीआर बनाया जायेगा.
चारों जिलों के रेल नेटवर्क से जुड़ने पर ट्राइबल, नक्सल क्षेत्र के लोगों को होगा लाभ
जानकारी के अनुसार, रिपोर्ट में लोहरदगा से गुमला 55 किलोमीटर, गुमला से सिमडेगा 43 किलोमीटर, हटिया से खूंटी 20 किलोमीटर और हजारीबाग से चतरा 42 किलोमीटर रेल लाइन बिछाने का काम होगा. जेआरआइडीसीएल के एक अधिकारी ने बताया कि उक्त चारों जिलों के रेल नेटवर्क से जुड़ने पर ट्राइबल, नक्सल क्षेत्र के लोगों को बहुत लाभ होगा. लोगों को वर्तमान में एकमात्र आवागमन का जरिया सड़क मार्ग है. लोगों को फिलहाल यात्रा के लिए अधिक समय और अधिक पैसे खर्च करने पड़ते हैं. व्यवसाय के दृष्टिकोण से भी रेल कनेक्टिविटी बहुत लाभदायक होगी. मालूम हो कि सिमडेगा में रहनेवाले लोगों को रेलवे से यात्रा करने के लिए ओडिशा जाकर ट्रेन पकड़नी पड़ती है. वहां राउरकेला स्टेशन से अपनी बर्थ का रिजर्वेशन कराना पड़ता है. कुछ खास रूटों के लिए रांची से यात्रा करनी पड़ती है. कुछ लोकल ट्रेन बानो जाकर भी पकड़ते हैं. यही स्थिति गुमला, खूंटी, चतरा, जिलों के मुख्यालय की भी है. इन महत्वपूर्ण शहरों के अब तक रेल नेटवर्क से नहीं जुड़ पाने के कारण यहां आर्थिक गतिविधियां जोर नहीं पकड़ पा रही हैं. इन जिलों में रेल नेटवर्क से पहुंचने से यहां रोजगार और तरक्की का मार्ग भी प्रशस्त होगा.मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर बनायी गयी थी उच्चस्तरीय कमेटी
राज्य की रेल परियोजनाओं को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर एक उच्चस्तरीय कमेटी बनायी गयी थी. कमेटी का अध्यक्ष विकास आयुक्त को बनाया गया था, जबकि सदस्य के रूप में योजना एवं वित्त विभाग, राजस्व निबंधन और भूमि सुधार विभाग, पथ निर्माण विभाग और परिवहन विभाग के सचिवों को शामिल किया गया था. कमेटी को गुमला, सिमडेगा, खूंटी और चतरा जिला मुख्यालय को रेल नेटवर्क से जोड़ने के लिए योजना बनाने का निर्देश दिया गया था. साथ ही झारखंड के लिहाज से महत्वपूर्ण रेल परियोजनाओं, राज्य में रेल कनेक्टिविटी बढ़ाने और उस पर होनेवाले खर्च को लेकर रिपोर्ट मांगी गयी थी. वहीं, जेआरआइडीसीएल को राज्य की जरूरतों को देखते हुए रेल परियोजनाओं की पहचान, योजना बनाने और उसके विकास में राज्य सरकार के साथ ज्वाइंट वेंचर करने के लिए कहा गया था.जसीडीह से कोरीडीह देवघर एम्स होते हुए रेल लाइन का भी सर्वे पूरा
झारखंड के विभिन्न जिलों से देवघर एम्स जाने के लिए कनेक्टिविटी बढ़ायी जायेगी. इसके लिए झारखंड रेल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड ने जसीडीह से कोरोडीह, देवघर एम्स होते हुए जमुआ तक 55 किलोमीटर रेल लाइन बनाने के लिए सर्वे का कार्य पूरा कर लिया है. इसकी रिपोर्ट राज्य सरकार ने रेल बोर्ड को भेज दी गयी है. यहां देवीपुर नाम का स्टेशन भी बनाने की योजना है. इस रेल लाइन के बनने से राजधानी रांची से जसीडीह कनेक्टिविटी लोगों को मिलेगी.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है