रांची. लक्ष्य के अनुरूप सरकारी खजाना भरने के लिए परिवहन विभाग ने जिलों के डीटीओ, आरटीओ, एमवीआइ व एसटीए को अभियान चलाकर राजस्व संग्रह करने को कहा है. वित्तीय वर्ष 2024-25 में परिवहन विभाग ने 2350 करोड़ रुपये के राजस्व वसूली का लक्ष्य रखा था. इस वित्तीय वर्ष में अप्रैल से नवंबर तक परिवहन विभाग ने 1248 करोड़ रुपये का राजस्व संग्रह किया है, जो कि कुल लक्ष्य से 1102 करोड़ पीछे है. यह लक्ष्य अगले चार माह में पूरा करना है. विभाग को सबसे ज्यादा राजस्व टैक्स और रजिस्ट्रेशन मद से प्राप्त होता है. वित्तीय वर्ष 2023-24 में परिवहन विभाग ने 1850 करोड़ रुपये के राजस्व वसूली का लक्ष्य रखा था. इसको भी विभाग पूरा नहीं कर पाया था.
विभाग को अक्तूबर तक विभिन्न मदों में मिला राजस्व
व्यवसायिक वाहनों से ऑनलाइन टैक्स : 288.76 करोड़गैर व्यवसायिक वाहनों से एकमुश्त रोड टैक्स : 536.92 करोड़
व्यावसायिक वाहनों से निबंधन शुल्क : 14.91 करोड़गैर व्यावसायिक वाहनों से निबंधन शुल्क : 24.26 करोड़
व्यावसायिक लाइसेंस से प्राप्त शुल्क : 73 लाखगैर व्यावसायिक लाइसेंस से प्राप्त शुल्क : 15.42 करोड़अन्य मद से प्राप्त शुल्क : 113.07 करोड़
प्रवर्तन के माध्यम से प्राप्त शुल्क : 22.22 करोड़एसटीए आरटीए से प्राप्त शुल्क : 73.45 करोड़
नोट : उक्त मदों में नवंबर में 158.24 करोड़ प्राप्त हुआ है.
2023-24 में 1850 करोड़ का लक्ष्य पूरा नहीं कर पाया था विभाग
परिवहन विभाग ने वित्तीय वर्ष 2023-24 में 1850 करोड़ रुपये राजस्व वसूली का लक्ष्य रखा था. इसके विरुद्ध 170493.7 करोड़ रुपये राजस्व की वसूली की गयी. यानी विभाग लक्ष्य से पीछे रहा. इनमें 24 जिलों में से 15 जिलों ने लक्ष्य के अनुरूप राजस्व वसूली का टारगेट पूरा नहीं किया. इनमें हजारीबाग, दुमका, चाईबासा, गुमला, लोहरदगा, बोकारो, धनबाद, गिरिडीह, काेडरमा, चतरा, गढ़वा, गोड्डा, लातेहार, जामताड़ा व रामगढ़ जिला शामिल हैं. जबकि राजस्व वसूली में लक्ष्य से ज्यादा रांची, पलामू, जमशेदपुर, देवघर, पाकुड़, साहिबगंज, सिमडेगा, सरायकेला-खरसांवा व खूंटी जिला ने वसूली की. इसी तरह प्रमंडल स्तर के पांच क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार में से तीन क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार भी टारगेट को पूरा करने में विफल रहे. इनमें रांची, हजारीबाग व पलामू शामिल हैं. जबकि, दुमका व कोल्हान क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार ने लक्ष्य से ज्यादा की वसूली करने में सफलता पायी थी. इसके अलावा राज्य परिवहन प्राधिकार को वार्षिक लक्ष्य 9600 लाख की तुलना में राष्ट्रीय परमिट से कंपोजिट शुल्क के तौर पर 9544.01 लाख और राज्य परिवहन प्राधिकार से प्राप्त शुल्क 521 लाख रुपये प्राप्त हुआ था. यानी लक्ष्य से 4.84 प्रतिशत ज्यादा शुल्क मिला था.
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