ट्रांसपोर्टकर्मियों ने लोड डंपरों को रोका
रोजगार खोने के भय से आंदोलित पेटी कांट्रेक्टर, डंपर मालिक व मुंशियों का धरना लगातार 10वें दिन शनिवार को भी जारी रहा.
प्रतिनिधि, पिपरवार रोजगार खोने के भय से आंदोलित पेटी कांट्रेक्टर, डंपर मालिक व मुंशियों का धरना लगातार 10वें दिन शनिवार को भी जारी रहा. नयी कंपनी जय अंबे रोड लाइन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा शुक्रवार की रात दो लोड हाइवा डंपरों को उतार देने से तनाव का माहौल बन गया. आंदोलनकारियों ने डंपरों को सपही नदी के पास रोक दिया. वहीं, बाजारटांड़ के निकट ट्रांसपोर्टिंग रोड पर व बचरा साइडिंग के एक नंबर प्लेट फार्म के प्रवेश मार्ग पर डंपरों को खड़ा कर रास्ता जाम कर दिया. इसके बाद आंदोलनकारी पूरी मजबूती के साथ रात भर धरनास्थल पर जमे रहे. अंतत: विवश हो कर प्रबंधन को अपने बढ़ते कदम को रोकना पड़ा और आंदोलनकारियों को वार्ता कर समस्या का समाधान ढूंढ़ने की नसीहत दी गयी. इस पर आंदोलनकारियों ने साफ शब्दों में कह दिया कि वे हमेशा वार्ता के लिए तैयार हैं, पर वार्ता सिर्फ जय अंबे कंपनी से करेंगे. लेकिन, 20 घंटे बीत जाने के बाद भी कंपनी का कोई प्रतिनिधि आंदोलनकारियों से वार्ता के लिए नहीं पहुंचा. इधर, आंदोलनकारी जनसंपर्क कर स्थानीय व्यवसायी व ग्रामीणों से समर्थन की अपील कर रहे हैं. क्या है मामला : 16 प्रतिशत बिलो टेंडर की वजह से जय अंबे रोड लाइन प्राइवेट लिमिटेड को सीएचपी-बचरा साइडिंग तक कोयला ढुलाई का ठेका मिलने के बाद स्थानीय पेटी कांट्रेक्टर, डंपर मालिक व मुंशी रोजगार जाने की आशंका से धरने पर बैठ गये. नयी कंपनी की आंदोलनकारियों के साथ कई दौर के वार्ता हुई. इस दौरान दोनों पक्षों के बीच लगभग आपसी सहमति बन चुकी थी. पर, इस बीच एक तीसरे पक्ष ने आंदोलनकारी ट्रांसपोर्टकर्मियों की तुलना में नयी कंपनी को ज्यादा लाभ का ऑफर देकर सारा खेल बिगाड़ दिया. अब 16 चक्का हाइवा डंपर से कोयला ढुलाई होने की आशंका से स्थानीय ट्रांसपोर्टकर्मी लगातार आंदोलन कर रहे हैं.
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