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वार्ता के बाद ट्रांसपोर्टरों का आंदोलन समाप्त

पिछले 11 दिनों से पेटी कांट्रेक्टर, डंपर मालिक व मुंशियों का आंदोलन रविवार को समझौते के बाद खत्म हो गया.

प्रतिनिधि, पिपरवार पिछले 11 दिनों से पेटी कांट्रेक्टर, डंपर मालिक व मुंशियों का आंदोलन रविवार को समझौते के बाद खत्म हो गया. समझौते के अनुसार अब पूर्व की भांति सीएचपी से बचरा साइडिंग तक 10 चक्का हाइवा डंपरों से ही कोयला ढुलाई की जायेगी. इसके लिए डंपर मालिकों को पूर्व भाड़ा 1270 रुपये की जगह 1150 रुपये ही भुगतान किये जायेंगे. डंपर मालिकों को पहले की तुलना में प्रति ट्रिप 120 रुपये का नुकसान होगा. वहीं, साइडिंग में कार्यरत सभी मुंशी पहले की तरह काम करेंगे. उक्त समझौता पिपरवार थाना प्रभारी प्रशांत मिश्रा की मध्यस्थता में जय अंबे रोड लाइन प्राइवेट लिमिटेट के प्रतिनिधियों, चुनिंदा पेटी कांट्रेक्टर व डंपर मालिकों के बीच हुई. समझौते के बाद आंदोलनकारियों द्वारा रोक कर रखे गये दो लोड हाइवा डंपरों के चालकों को मिठाई खिला कर बचरा साइडिंग के लिए रवाना किया गया. इस संबंध में पेटी कांट्रेक्टर राजेश कुमार सिंह ने बताया कि मुंशी सहित अन्य कई मुद्दों पर अभी समझौता होना बाकी है. पर, सोमवार से पूर्व की तरह 10 चक्का हाइवा डंपरों से कोयला ढुलाई शुरू हो जायेगी. आंदोलन क्यों कर रहे थे ट्रांसपोर्टर: पुरानी कंपनी एकेटी का कार्यकाल खत्म होने के बाद सीसीएल ने कोयला ढुलाई के लिए टेंडर आमंत्रित किया था. इसमें कुल छह कंपनियों ने भाग लिया था. पर, जय अंबे रोड लाइन प्राइवेट लिमिटेड द्वारा 16 प्रतिशत बिलो टेंडर डालने से कंपनी एल वन हो गयी. इस नुकसान की भरपाई कंपनी 16 चक्का हाइवा डंपरों को उतार कर करती. इससे रोजगार जाने से भयभीत पेटी कांट्रेक्टर, डंपर मालिक व मुंशी आंदोलन करने लगे. वार्ता में पेटी कांट्रेक्टर राजेश कुमार सिंह, राजेंद्र गुप्ता, अशोक साव, उमेश यादव, फूलेश्वर महतो, आशुतोष आनंद उर्फ मोनू सिंह व नीरज भोक्ता शामिल थे.

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