रांची : सड़क चौड़ीकरण में रोड़ा बन रहे पेड़ व पोल, धीमी पड़ी निर्माण की रफ्तार
पथ निर्माण विभाग ने इन खंभों को हटवाने में आने वाले खर्च का एस्टीमेट बना कर उसे उच्चाधिकारियों के पास मंजूरी के लिए भेजा था. मगर वहां से अभी तक यह एस्टीमेट पास होकर नहीं आया है.
रांची : राजधानी के दुर्गा सोरेन चौक, कांटाटोली से विकास तक के हिस्से में बिजली पोल की शिफ्टिंग से जुड़ा कार्य ठप रहने से फोर लेन सड़क के निर्माण कार्य में परेशानी पैदा हो रही है. इसके कुछ हिस्से को छोड़ कर सड़क के चौड़ीकरण का काम लगभग ठप हो गया है. सड़क के दोनों ओर रोड वाइंडिंग का काम होने के बाद बिजली के खंभे अब चौड़ीकरण में बाधा बन रहे हैं. झारखंड बिजली वितरण निगम से सर्वे कर पोल हटाने के लिए राइट ऑफ वे (आरओडब्लू) देने के साथ ही काम पूरा करने के लिए एस्टीमेट तैयार करने का आग्रह किया गया था. इस मामले में तीन महीने पहले भी विभाग से पत्राचार कर अनुमति मांगी गयी थी. हालांकि, अभी तक इस राह में कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा सका है.
पथ निर्माण विभाग ने इन खंभों को हटवाने में आने वाले खर्च का एस्टीमेट बना कर उसे उच्चाधिकारियों के पास मंजूरी के लिए भेजा था. मगर वहां से अभी तक यह एस्टीमेट पास होकर नहीं आया है. न ही इसका फाइनल सर्वे हो सका है. इस कारण इन दिनों इन खंभों के शिफ्ट हुए बिना ही यहां निर्माण कार्य चल रहा है. बिजली की लाइन शिफ्ट होने में कम से कम तीन महीने का समय लग सकता है, तब तक लोगों को जान हथेली पर रखकर गुजरना पड़ेगा, क्योंकि जगह-जगह खुदाई होने से आने-जाने वालों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. यहां मार्ग की चौड़ाई सिकुड़ कर महज कुछ मीटर ही रह गयी है जबकि इस मार्ग पर वाहनों की आवाजाही ज्यादा होने से यहां सारा दिन सड़क किनारे धूल उड़ती रहती है. रोजाना बूटी मोड़ से आगे लंबा जाम लग रहा है.
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देर से शुरू हुआ सर्वे, अभी तक नहीं बन सका प्रस्ताव
पथ निर्माण विभाग की मदद से यह फोरलेन सड़क करीब 150 करोड़ रुपये की लागत से बन रही है. अक्तूबर 2022 को काम शुरू हुआ था और काम पूरा करने का निर्धारित लक्ष्य जनवरी 2024 रखा गया है. यह करीब 13 किलोमीटर का स्ट्रेच है. इसके दोनों किनारे में करीब 200 से ज्यादा पोल, करीब 70 से ज्यादा बड़े पेड़ आ रहे थे. इसे सर्वे के बाद शटडाउन लेकर तत्काल हटाया जाना था.
विभागों में समन्वय नहीं भुगत रहे आम लोग
आरसीडी और सड़क निर्माण में जुटी कंपनी ने पेड़ और बिजली के खंभों को पहले हटवाना जरूरी नहीं समझा और सड़क को खोदकर बीच में डिवाइडर बनाकर छोड़ दी. इसकी वजह से आये दिन लोग गिरकर चोटिल हो रहे हैं और जाम की समस्या से लोगों को दो चार होना पड़ रहा है. व्यापारियों और आम नागरिकों का कहना है कि सड़क निर्माण कंपनी को पहले जो काम करना चाहिए था, वह नहीं किया. यदि पहले बिजली की लाइन शिफ्ट हो जाती, तो काम रोकने की नौबत न आती.
इस फोरलेन के किनारे ट्रांसफार्मर, हाई वोल्टेज वायर, रेल पोल और सैकड़ों किलोमीटर एचटी ओवरहेडेड वायर हैं. सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है. यहां उच्च क्षमता वाली भूमिगत बिजली लाइन पहले से बिछी हैं. जल्द ही खर्च का एस्टीमेट तैयार कर शिफ्टिंग का काम शुरू किया जायेगा.
प्रभात कुमार श्रीवास्तव, महाप्रबंधक सह मुख्य अभियंता, जेबीवीएनएल, रांची सर्किल