रांची. डॉ रामदयाल मुंडा जनजातीय शोध संस्थान के निदेशक रणेंद्र का कार्यकाल पूरा हो गया है. 2018 से लेकर अप्रैल 2014 के पहले सप्ताह तक का उनका कार्यकाल रहा. अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने न सिर्फ नये शोध कार्यों को बढ़ावा दिया, बल्कि कार्यक्रमों के लगातार आयोजन से संस्थान में एक नयी जान फूंकी. आदिवासियों से जुड़े विषयों पर सेमिनार और कार्यशालाओं का आयोजन किया गया. विमर्श का माहौल रहा. आदिवासी विषयों पर सर्जनात्मक काम हुआ. अपने कृतज्ञता ज्ञापन में रणेंद्र ने लिखा है कि ‘आप सबने मिलकर संस्थान में ऐसा परिवेश रचा, जहां आदिवासी अध्ययन से जुड़े हर आयाम पर अपनी परिकल्पनाओं और अवधारणाओं के अनुसार कार्य करने के लिए मैंने पूरी आजादी महसूस की. अक्सर संस्थाओं में इस ढंग का लोकतांत्रिक खुलापन, आत्मीयता और आपसी सहयोग का अभाव सा देखा जाता है. लेकिन इस संस्थान ने जो उपलब्ध कराया, वह विरल और अपूर्व था.’ रणेंद्र ने कहा कि अब समय है कि पास में जमा किताबों को पढ़ सकूं. इसके अलावा कुछ किताबों को लेकर लेखन का काम जो अधूरा था, उसे पूरा करेंगे.
टीआरआइ निदेशक रणेंद्र का कार्यकाल पूरा
डॉ रामदयाल मुंडा जनजातीय शोध संस्थान के निदेशक रणेंद्र का कार्यकाल पूरा हो गया है. 2018 से लेकर अप्रैल 2014 के पहले सप्ताह तक का उनका कार्यकाल रहा
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