झारखंड में आदिवासी संस्कृति से जुड़े भवन का निर्माण का कार्य नहीं हुआ पूरा, 784 योजनाएं को मिली मंजूरी, बने 41
झारखंड सरकार आदिवासी संस्कृति से जुड़े भवनों के निर्माण और संरक्षण से संबंधित योजना चलाती है. इसके तहत आदिवासी संस्कृति एवं कला केंद्र, मांझी भवन, धुमकुड़िया भवन और मांझीथान शेड का निर्माण कराया जाता है
रांची, शकील अख्तर: झारखंड में दो वित्तीय वर्ष में आदिवासी संस्कृति से जुड़े एक भी भवन का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका है. चालू वित्तीय वर्ष के दौरान तो इस योजना के तहत किसी भी जिले में एक भी योजना स्वीकृत नहीं हुई है. हालांकि सरकार ने आदिवासी संस्कृति से जुड़े भवनों के निर्माण से जुड़ी योजना को बंद नहीं किया है. पर योजना की भौतिक और वित्तीय उपलब्धि में भी कोई तालमेल नहीं है.
झारखंड सरकार आदिवासी संस्कृति से जुड़े भवनों के निर्माण और संरक्षण से संबंधित योजना चलाती है. इसके तहत आदिवासी संस्कृति एवं कला केंद्र, मांझी भवन, धुमकुड़िया भवन और मांझीथान शेड का निर्माण कराया जाता है. योजना क्रियान्वयन के लिए मुंडा, पाहन, मांझी की अध्यक्षता में लाभुक समिति का गठन किया जाता है.
राज्य सरकार के आंकड़ों के अनुसार, तीन वित्तीय वर्षों (2020-2021, 2021-22, 2022-23) के दौरान कला केंद्र, धुमकुड़िया भवन, मांझी भवन के निर्माण के लिए कुल 784 योजनाएं स्वीकृत की गयीं. इनमें से अब तक सिर्फ 41 का ही निर्माण कार्य पूरा हो सका है. इन तीन वित्तीय वर्षों के दौरान इन योजनाओं के लिए कुल 161.12 करोड़ रुपये जिलों को आवंटित किये गये. हालांकि, खर्च सिर्फ 12.06 करोड़ रुपये ही किये जा सके हैं.
वित्तीय वर्ष के हिसाब से योजनाओं की स्थिति
वित्तीय वर्ष 2020-21 2021-22 2022-23
स्वीकृत योजनाएं 444 340 000
काम शुरू हुआ 403 सभी पर 000
पूर्ण योजनाएं 41 एक भी नहीं 000
स्वीकृत राशि 49.62 करोड़ 57.24 करोड़ 49.62 करोड़
खर्च राशि 18.32 करोड़ 2.33 करोड़ 18.32 करोड़
आदिवासी संस्कृति से जुड़ी योजनाओं की जिलावार स्थिति
जिला योजना पूर्ण
गुमला 61 08
लोहरदगा 18 01
पलामू 21 00
गढ़वा 22 10
रांची 21 02
खूंटी 07 01
दुमका 102 05
साहिबगंज 83 05
गोड्डा 07 00
पूर्वी सिंहभूम 69 01
सरायकेला 237 00
पश्चिम सिंहभूम 93 01
सिमडेगा 12 00
पाकुड़ 17 00
जामताड़ा 21 00