रांची. ट्राइबल डिजाइन फोरम (टीडीएफ) के तत्वावधान में एक से 31 अगस्त तक देश के विभिन्न राज्यों के आदिवासी डिजाइनरों के साथ संवाद किया जायेगा. यह संवाद ऑनलाइन माध्यम से होगा. इस कार्यक्रम के जरिये विभिन्न राज्यों के युवा डिजाइनर अपने हुनर, कौशल, संस्कृति और काम को एक-दूसरे के साथ साझा करेंगे. इन युवा डिजाइनरों को दुनिया के विभिन्न देशों के आदिवासी डिजाइनरों के साथ भी संवाद करने और उनसे संस्कृति व कला को साझा करने का मौका मिलेगा. उक्त बातें बुधवार को बीएनआर चाणक्य में टीडीएफ के श्याम मुर्मू ने कहीं.
आदिवासियों के पारंपरिक डिजाइन को समझना है उद्देश्य
श्याम ने कहा कि इस एक महीने के संवाद का उद्देश्य देश-दुनिया की आदिवासी संस्कृति व कला में निहित पारंपरिक डिजाइन को समझना, एक-दूसरे से साझा करना और प्रोत्साहन देना है. इसके साथ ही डिजाइन से जुड़े आर्थिक पहलुओं को भी बढ़ावा देना है. उन्होंने एक स्लाइड प्रस्तुति के माध्यम से दुनिया के अलग-अलग देशों में काम करनेवाले डिजाइनरों के कार्यों को भी दर्शाया. इनमें यूएसए के वेंडा डेला, शेफ सीन शर्मन, नीदरलैंड के पीटर, नेपाल के सुभाष तमांग, बोलीविया की ग्लैंडा, फिलीपींस की लेनेरा आदि शामिल हैं. उन्होंने कहा कि भारत में भी 19 राज्यों में 30 आदिवासी समुदायों के 160 सदस्य जुड़े हैं. इनमें मेघालय की इबा मलाही जैसे लोग हैं. झारखंड के भी आदिवासी कला संस्कृति से जुड़े कई लोग इस संवाद कार्यक्रम में शामिल होंगे.
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