रांची : फिलहाल राज्य के छह जिलों- खूंटी, लोहरदगा, प सिंहभूम, गुमला, सिमडेगा और साहिबगंज के 250 स्कूलों में पांच जनजातीय भाषाओं में पढ़ाई हो रही है. अगले शैक्षणिक सत्र से चार नये जिलों को मिला कर कुल 10 जिलों के 1000 प्राथमिक और मध्य विद्यालयों में जनजातीय भाषा में पढ़ाई शुरू की जायेगी. शिक्षा विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है. इन जिलों में स्कूलों के चयन के लिए सर्वे जल्द शुरू होगा. शुरुआती चरण में यह व्यवस्था कक्षा एक से तीन तक के लिए है.
बताया गया कि जिस जनजातीय भाषा में पढ़ाई शुरू होगी, उसे बोलनेवाले 70 फीसदी या उससे अधिक बच्चों का नामांकन संबंधित स्कूलों में होना जरूरी है. वहीं, जनजातीय भाषा में पढ़ाई शुरू करने के लिए संबंधित विद्यालय की प्रबंध समिति और बच्चों के अभिभावकों की सहमति भी जरूरी है. अगर बच्चों के अभिभावक सहमति नहीं देते हैं, तो पढ़ाई शुरू नहीं होगी. गौरतलब है कि पिछले वर्ष शिक्षा विभाग ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत खूंटी में मुंडारी, लोहरदगा में कुड़ुख, पश्चिमी सिंहभूम में हो, गुमला व सिमडेगा में खड़िया और साहिबगंज में संताली भाषा में पढ़ाई शुरू करायी थी.
इसके लिए 250 स्कूलों का चयन किया गया था. विभाग अब इन स्कूलों का मूल्यांकन कराने की तैयार कर रहा है. इसके तहत बच्चों के शैक्षणिक स्तर पर इसके प्रभाव का अध्ययन कराया जायेगा. मूल्यांकन के परिणाम के आधार पर आगे इस व्यवस्था में जरूरी बदलाव किये जायेंगे. विभाग ने जनजातीय भाषा में पढ़ाई के लिए संबंधित भाषाओं में किताबें भी छपवायीं हैं. वहीं, शिक्षकों समय-समय पर प्रशिक्षण भी दिया जाता है.