पत्थलगड़ी आंदोलन की नेता बेलोसा बबीता कच्छप की गिरफ्तारी के खिलाफ गुजरात में शुरू हुआ Release Babita Kachhap अभियान
Gujarat News, Release Babita Kachhap, Jharkhand News, Belosa Babita Kachhap, Pathalgadi, Naxalites, Chhotubhai Vasava, Bharatiya Tribal Party, Social Media, Twitter, Tweets: रांची/अहमदाबाद : नक्सली बतायी जा रही झारखंड की बेलोसा बबीता कच्छप और उसके दो अन्य साथियों की गिरफ्तारी पर गुजरात के आदिवासी नेता ने सवाल खड़े किये हैं. भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) प्रमुख एवं गुजरात के विधायक छोटू वसावा राज्य आतंकवाद रोधी दस्ता (एटीएस) द्वारा गिरफ्तार किये गये पत्थलगड़ी आंदोलन के तीन कार्यकर्ताओं के समर्थन में उतर आये हैं. उन्होंने कहा है कि किसी आदिवासी को ‘नक्सली’ करार देना उसे अपने अधिकारों की मांग करने से चुप कराने की साजिश है.
रांची/अहमदाबाद : नक्सली बतायी जा रही झारखंड की बेलोसा बबीता कच्छप और उसके दो अन्य साथियों की गिरफ्तारी पर गुजरात के आदिवासी नेता ने सवाल खड़े किये हैं. भारतीय ट्राइबल पार्टी (बीटीपी) प्रमुख एवं गुजरात के विधायक छोटू वसावा राज्य आतंकवाद रोधी दस्ता (एटीएस) द्वारा गिरफ्तार किये गये पत्थलगड़ी आंदोलन के तीन कार्यकर्ताओं के समर्थन में उतर आये हैं. उन्होंने कहा है कि किसी आदिवासी को ‘नक्सली’ करार देना उसे अपने अधिकारों की मांग करने से चुप कराने की साजिश है.
पुलिस ने कहा है कि तापी और महीसागर जिले में आदिवासियों को सरकार के खिलाफ हिंसा भड़काने की कोशिश करने के आरोप में गुजरात एटीएस ने शुक्रवार को झारखंड के तीन कथित नक्सलियों (बेलोसा बबीता कच्छप, सामू ओरैया और बिरसा ओरैया) को गिरफ्तार किया था. गुजरात के भरुच जिले के झागड़िया विधानसभा क्षेत्र के विधायक छोटू वसावा ने इन तीनों की गिरफ्तारी की कार्रवाई के विरुद्ध पिछले दो दिनों में दर्जनों ट्वीट किये हैं.
उन्होंने बेलोसा बबीता कच्छप को रिहा करने की मांग की. अपने ट्वीटों के जरिये वसावा ने नक्सलवाद की परिभाषा बताने की मांग की. वहीं, आरोपियों का छोटू वसावा द्वारा खुला समर्थन करने पर अन्य जनजातीय नेता एवं भाजपा सांसद मनसुख वसावा ने तीखी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि गुजरात में आदिवासी समुदाय अलगाववाद और नक्सलवाद नहीं, बल्कि विकास में यकीन रखता है. छोटू वसावा ने पत्थलगड़ी को भी जायज ठहराया है. झारखंड के खूंटी में पत्थलगड़ी आंदोलन को हवा देने वालों में बबीता भी शामिल थी.
लोकतंत्र ,संविधान बचाओ की बात करने वाली कोंग्रेस एक शब्द भी बोल नही पाती आदिवासी ओके मुद्दे पर
राजकीय पार्टीयो के पार्टी गुलाम नेता तो रोबट की तरह चुप ही बेठे है
सरकार आदिवासी ओकी संवेधानिक आवाज को दबाने की कोशिश करना चाहती है
वो हम कतय नही होने देंगे#नक्सली_की_परिभाषा_बताओ pic.twitter.com/C4S5CqEdmm— Chhotubhai Vasava (@Chhotu_Vasava) July 27, 2020
देश में न आतंकवाद है, न नक्सलवाद : छोटू वसावा
छोटू वसावा ने ट्वीट किया, ‘ये सरकार के ही लोग हैं, जो आतंकवाद और नक्सलवाद फैलाते हैं. अन्यथा लोगों की कोई ऐसी इच्छा नहीं है. भूख से मर रहे लोग आतंकवादी कैसे हो सकते हैं?’ उन्होंने लिखा, ‘यह लोगों को गुमराह करने की साजिश है, ताकि ऐसी स्थिति बन जाये कि वे कुछ बोल नहीं पायें या कुछ मांग नहीं कर पायें. देश में न तो आतंकवाद है और न ही नक्सलवाद.’
उन्होंने नक्सली की परिभाषा बताओ हैशटैग से कई ट्वीट किये. छोटू वसावा ने कहा, ‘क्या संविधान के अनुच्छेद के बारे में बात करना नक्सलवाद है, जब हमारे पूर्वजों की जमीन असंवैधानिक रूप से छीनी जा रही है.’ इस पर मनसुख ने कहा, ‘ छोटूभाई पूरे आदिवासी समुदाय को उससे जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं. जो भी राष्ट्रविरोधी एवं आतंकवादी गतिविधियां फैलाने का प्रयास कर रहा है, उसे इस समुदाय से नहीं जोड़ा जाना चाहिए.’
प्रभात खबर के न्यूज को ट्विटर पर किया शेयर
छोटूभाई वसावा ने ‘प्रभात खबर’ की एक कटिंग अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर की है. इसमें उन्होंने बताया है कि बबीता कच्छप की याचिका पर केंद्र सरकार को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया था. उनकी दलील है कि बबीता संविधान की बात करती है, तो उसे नक्सली कहकर पकड़ लिया जाता है. उन्होंने कांग्रेस पर भी हमला किया है. कहा है कि कांग्रेस संविधान बचाने की बात करती है और बबीता की गिरफ्तारी पर चुप है.
#बबिताकच्छप ने सुप्रीमकोर्ट में केंद्र सरकार के खिलाफ याचिका दायर की थी उसके बाद सुप्रीमकोर्ट केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया था ये सब होने के बाद संविधान की बात करने वाली बेटी को नक्सली कहकर पकड़ा जाता है ओर कोंग्रेस संविधान बचाने की बात करके चुप है#नक्सली_की_परिभाषा_बताओ pic.twitter.com/KqMEBjyeyo
— Chhotubhai Vasava (@Chhotu_Vasava) July 27, 2020
राष्ट्रीय पार्टियों के नेताओं को बताया गुलाम
बीटीपी नेता ने राष्ट्रीय पार्टियों के नेताओं को गुलाम तक कह डाला है. कहा है कि ये लोग रोबोट की तरह चुपचाप बैठे हैं. उन्होंने कहा है कि सरकार आदिवासियों की संवैधानिक आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है. वह ऐसा नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा है कि मंडल आर्मी के प्रमुख के ट्विटर हैंडल को सिर्फ इसलिए सस्पेंड कर दिया गया, क्योंकि उसने आरएसएस, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किये थे. ऐसा ओबीसी/पिछड़ा वर्ग की आवाज दबाने के लिए किया गया.
#मंडलआर्मी के अधिकारिक प्रमुख ट्विटर हैंडल को सस्पेंड कर दिया गया
कारण OBC/पिछड़ा वर्ग की आवाज उठाना व भाजपा -आरएसएस प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल करना!— Chhotubhai Vasava (@Chhotu_Vasava) July 27, 2020
उन्होंने कहा कि हजारों साल से आदिवासी समुदाय जल, जंगल, जमीन की सुरक्षा के लिए युद्ध करते आ रहे हैं. नक्सलवाद को आदिवासियों के आंदोलन से जोड़ना न्यायसंगत नहीं होगा. आदिवासी समुदाय आज भी अपने जल, जंगल और जमीन को बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं.
Posted By : Mithilesh Jha