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झारखंड : आदिवासी संगठनों ने रांची में निकाला आक्रोश मार्च, मणिपुर के सीएम का पुतला फूंका

मणिपुर में दो जनजातीय महिलाओं को निर्वस्त्र कर घूमाने के मामले में झारखंड में भी विरोध प्रदर्शन हो रहा है. मणिपुर सीएम का पुतला फूंका जा रहा है. वहीं, एन बीरेन सिंह की सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की जा रही है. शुक्रवार को रांची में आदिवासी संगठनों ने भी आक्रोश मार्च निकाला.

Jharkhand News: झारखंड सहित पूरे देश भर में मणिपुर में हुई घटना का विरोध जारी है. शुक्रवार को विभिन्न आदिवासी संगठनों ने राजधानी रांची के जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम से पैदल मार्च करते हुए अलबर्ट एक्का चौक पहुंचे. यहां मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह का पुतला फूंका है. आदिवासी संगठनों के नेताओं का कहना है कि देश में बेटी पढ़ाओ बेटी बढ़ाओ का नारा दिया जा रहा है. वहीं, बीजेपी की डबल इंजन सरकार में कुछ और ही दृश्य देखने को मिल रहा है. वहीं, दूसरी तरफ युवा राजद ने भी अल्बर्ट एक्का चौक पर मणिपुर के सीएम का पुतला फूंकते हुए इस्तीफे की मांग की.

आदिवासियों के प्रति संवेदनशील नहीं

वक्ताओं ने कहा कि मणिपुर की सरकार व केंद्र सरकार के दोहरे चरित्र से स्पष्ट है कि वे आदिवासियों के प्रति संवेदनशील नहीं हैं. सुप्रीम कोर्ट ने जब आदिवासियों महिलाओं से हुई घटनाओं का संज्ञान लिया, तब जाकर सरकार हरकत में आयी है. मणिपुर में जल्द से जल्द राष्ट्रपति शासन लगाया जाये. प्रदर्शन सभा को केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की, केंद्रीय सरना संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष शिवा कच्छप, आदिवासी समन्वय समिति के लक्ष्मी नारायण मुंडा, आदिवासी जन परिषद के अध्यक्ष प्रेम शाही मुंडा ने संबोधित किया. मौके पर पूर्व मंत्री देवकुमार धान, कुंदरसी मुंडा, विजय कच्छप, संदीप तिर्की, एल्विन लकड़ा, शशि पन्ना, अनिल अमिताभ पन्ना, दिनेश मुंडा, प्रकाश हंस, रतन तिर्की, पवन तिर्की, संदीप उरांव, अभय भुटकुमार, अनिल उरांव, कमिश्नर मुंडा, संजय महली, निरंजना हेरेंज टोप्पो, कोमोलिना टोप्पो, प्रभाकर तिर्की, दीपक मुंडा, सोनू खलखो, विजय बड़ाईक, अजीत उरांव, झरिया उरांव, अनिता उरांव, संगीता गाडी, शोभा तिर्की, रीता खलखो, पार्वती उरांव व अन्य मौजूद थे.

सभ्य समाज के लिए शर्मनाक

इधर, बीजेपी प्रदेश महिला मोर्चा की अध्यक्ष आरती कुजूर ने राज्य के सत्ताधारी ठगबंधन दलों पर कड़ा प्रहार किया. कहा कि मणिपुर की घटना न सिर्फ मणिपुर के लिए, बल्कि किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्मनाक है. घटना का वीडियो देखकर काफी आघात पहुंचा है. प्रधानमंत्री ने इस घटना में शामिल आरोपियों को कड़ी सजा दिलाने की बात कही है.

बंगाल व झारखंड में मां-बेटियां सुरक्षित नहीं

आरती कुजूर ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि सिर्फ मणिपुर की बातें ना कहें. बंगाल, झारखंड में भी बहन-बेटियां सुरक्षित नहीं हैं. झारखंड की बेटी रूपा तिर्की, दुमका की अंकिता, चतरा की बेटी पर एसिड अटैक, रुबिका हत्याकांड जैसे कई घटनाएं हुई, लेकिन राज्य सरकार गंभीर नहीं दिखी. इस दौरान राजनीतिक दलों से कहा कि चाहे आप कितना भी राजनीति कर लो, लेकिन मां-बहन के साथ हुए बर्बरता पर भेदभाव न करें.

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कांग्रेस-झामुमो ने भी जताया विरोध

इससे पहले कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर के नेतृत्व में केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. कहा कि बीजेपी की नारी शक्ति का दावा खोखला साबित हो रहा है. वहीं, महिला कांग्रेस ने भी केंद्र सरकार के खिलाफ हल्ला बोला. दूसरी ओर, झामुमो के नेता और कार्यकर्ता सड़कों पर उतर विरोध जताया. अलबर्ट एक्का चौक पर प्रदर्शन करते हुए मणिपुर सरकार का पुतला फूंका. नेताओं ने मणिपुर सरकार को बर्खास्त करते हुए कहा कि मणिपुर की घटना से बीजेपी की चाल और चरित्र उजागर हो गया है.

झारखंड सीएम हेमंत सोरेन ने भी घटना की निंदा की

बुधवार को झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मणिपुर में दो आदिवासी महिलाओं के साथ हुई घटना की निंदा की है. कहा कि यह घटना देश के इतिहास में काला अध्याय के रूप में दर्ज किया जाएगा. सीएम ने कहा कि मणिपुर की घटना तो चल रही है, इससे पहले भी दो राज्य आपस में लड़ चुके हैं. कुल मिलाकर कहा जाए कि देश हर क्षेत्र में बिखर सा गया है.

सीपीआई ने मणिपुर सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की

मणिपुर घटना के विरोध में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने भी प्रदर्शन किया. भाकपा कार्यालय से जुलूस की शक्ल में अलबर्ट एक्का चौक तक विरोध प्रदर्शन किया. इस मौके पर राज्य सचिव महेंद्र पाठक ने कहा कि मणिपुर की घटना ने देश को शर्मसार किया है. जिस तरह वहां पर महिलाओं को निर्वस्त्र कर घूमाया जा रहा है. महिलाओं के साथ बदसलूकी की जा रही है. इससे ऐसा लगता है कि देश के नरेंद्र मोदी की सरकार देश के सांप्रदायिक उन्माद को फैलाने के लिए बेताब है. केंद्र सरकार किस तरह से लोगों को बांट कर राजनीति रोटी से सेंक रही है. मणिपुर जल रहा है और सरकार मस्त है. वहीं, जिला सचिव अजय कुमार सिंह ने कहा कि लगातार आदिवासियों को बीजेपी की सरकार अपमानित कर रही है. मणिपुर की सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाने की माग की गयी. इस मौके पर झामुमो नेता जितेंद्र सिंह, धर्मवीर सिंह, मनोज ठाकुर, अमित कुमार, अनिरुद्ध कुमार, छुमु उरांव, सुशांतो मुखर्जी, सुरेंद्र कुमार दीक्षित, नीरज कुमार सिंह, शांतनु कुमार, कृष्ण कुमार वर्मा, शौकत अंसारी, श्यामल चक्रवर्ती, मनोज ठाकुर, अनिरुद्ध पाठक, सोनू कुमार सहित कई लोग मौजूद थे.

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मणिपुर मामले में दोषियों को कभी माफ नहीं किया जा सकता : पीएम

बता दें कि गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मणिपुर की घटना किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्मसार करने वाली है. कहा कि मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ है, इसके दोषियों को कभी बख्शा नहीं जाना चाहिए. इस घटना से 140 करोड़ देशवासियों को शर्मसार होना पड़ रहा है. पीएम ने सभी राज्य के मुख्यमंत्रियों से महिलाओं की सुरक्षा के लिए कठोर से कठोर कदम उठाने का आग्रह किया है.

मणिपुर में हो रही दो महीने से जातीय हिंसा

मालूम हो कि मणिपुर दो महीने से जल रहा है. घाटी बहुल समुदाय मैतेई को एसटी का दर्जा देने के बाद से यहां हिंसा हो रही है. मैतेई समुदाय की इस मांग का पहाड़ी बहुल समुदाय कुकी जनजाति के लोग विरोध कर रहे हैं. इसी दौरान बुधवार 20 जुलाई, 2023 को सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हुआ. इस वीडियो में दो जनजातीय महिलाओं को निर्वस्त्र कर घूमाते हुए दिखाया गया है. वहीं, दर्ज प्राथमिकी के मुताबिक तीन आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र करने और उसके साथ दुष्कर्म का भी आरोप दर्ज है.

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