रांची़ इस वर्ष सरहुल महोत्सव ऐतिहासिक होगा. यह पर्व प्रकृति से जुड़ा है. इस पर्व के बाद ही आदिवासी समुदाय के लोग नये फल, सब्जियों का उपयोग करते हैं. पाहन बारिश की भविष्यवाणी करते हैं. सरहुल पर्यावरण, जल, जंगल और जमीन बचाने का संदेश देता है. ये बातें आदिवासी जन परिषद के अध्यक्ष प्रेमशाही मुंडा ने कहीं. उन्होंने कहा कि सरहुल के अवसर पर आदिवासी जन परिषद अलबर्ट एक्का चौक पर स्वागत मंच बनायेगा. शोभायात्रा और पाहनों का स्वागत किया जायेगा. इस दौरान उन्होंने झारखंड के आदिवासियों के पर्व-त्योहार के संरक्षण और संवर्धन के लिए राज्य सरकार से बोर्ड गठन की मांग की. प्रेमशाही ने कहा कि सरहुल शोभायात्रा के दिन ही ईद भी है. इसलिए राज्य सरकार विशेष बल की व्यवस्था कर शांति व्यवस्था बनाये रखे, ताकि दोनों पर्व सौहार्दपूर्वक संपन्न हो सके. साथ ही सरहुल महोत्सव पर दो दिवसीय राजकीय अवकाश घोषित करने की मांग भी की गयी है. उन्होंने कहा कि राज्य में आदिवासियों की जमीन लूट चरम पर है. अफसर-माफिया गठजोड़़ से आदिवासी जमीन का नेचर बदलकर जमीन खरीद बिक्री की जा रही है. सरकार के रिकॉर्ड रूम से खतियान की चोरी की गयी है, उसकी सीबीआइ जांच हो
सरहुल महोत्सव की तैयारी पर आदिवासी जन परिषद की बैठक
इस वर्ष सरहुल महोत्सव ऐतिहासिक होगा. यह पर्व प्रकृति से जुड़ा है. इस पर्व के बाद ही आदिवासी समुदाय के लोग नये फल, सब्जियों का उपयोग करते हैं.
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement