रांची : आदिवासी संगठनों ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा आदिवासी सरकार और आदिवासी मुख्यमंत्री को अस्थिर करने का प्रयास का आरोप लगाते हुए 19 जनवरी को माेरहाबादी मैदान से राजभवन तक मार्च निकालने और वहां धरना-प्रदर्शन करने की घोषणा की है. करमटोली स्थित केंद्रीय धुमकुड़िया में इन संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा कि झारखंड की सरकार अच्छी तरह चल रही है. विकास को दिशा मिल रही है. दूसरी ओर इडी के माध्यम से इसे परेशान किया जा रहा है. इडी कहीं न कहीं केंद्र सरकार के इशारे पर काम कर रहा है. प्रतिनिधियों ने कहा कि हमारा विरोध-प्रदर्शन शांतिपूर्ण होगा. हम केंद्र को संदेश देना चाहते हैं कि इडी के जरिये यहां जो कुछ गलत किया जा रहा है, उसे रोका जाये. अन्यथा यहां विद्रोह होगा, झारखंड में आग लगेगी.
राजी पड़हा सरना प्रार्थना सभा के कैलाश उरांव ने कहा कि इडी द्वारा आदिवासी सरकार को समन भेज कर परेशान करने के खिलाफ आदिवासी संगठन एकजुट हैं. केंद्रीय सरना समिति के रूपचंद ने कहा कि मुख्यमंत्री को किसी तरह फंसा कर चुनावी लाभ लेने की पहल की जा रही है. बामसेफ के जयंत कच्छप ने कहा कि हेमंत सोरेन इवीएम हैक कर सीएम नहीं बने हैं. बीजेपी ने इस झारखंड में 15- 20 साल राज किया लेकिन उस समय सिर्फ हिंदू- मुस्लिम और सांप्रदायिक बातें ही हुईं. आदिवासी सेना के अध्यक्ष अजय कच्छप व अन्य ने भी विचार रखे.
भाजपा शासित राज्यों में ईडी का समन क्यों नहीं पहुंचता : अजय तिर्की
केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष अजय तिर्की ने कहा कि यदि इडी स्वतंत्र जांच एजेंसी हाेती, तो देश के सभी राज्यों, जिनमें बीजेपी शासित राज्य भी हैं, समन जाता. लेकिन यह सिर्फ पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी, बिहार में राजद, दिल्ली में अरविंद केजरीवाल और झारखंड में हेमंत सोरेन के पास जाता है. समन वहीं जाता है, जहां विपक्ष की सरकारें चल रही हैं. हमारे आदिवासी मुख्यमंत्री के लिए पांच साल का कार्यकाल पूरा करने में बाधा उत्पन्न की जा रही है. इससे आदिवासी समाज आक्रोशित है.
आदिवासी संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा :
हम केंद्र को संदेश देना चाहते हैं कि इडी के जरिये यहां जो कुछ गलत किया जा रहा है उसे रोका जाये अन्यथा झारखंड में आग लगेगी.