रांची, राजलक्ष्मी : रांची में आदिवासी अधिकार मंच के बैनर तले आदिवासी समाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने यूनिफार्म सिविल कोड (UCC) के विरोध में राजभवन के समक्ष एक दिवसीय धरना दिया. इस धरना प्रदर्शन के माध्यम से आदिवासियों ने UCC लागू हो जाने से आदिवासियों के सामने आने वाली परेशानियों पर चिंता व्यक्त की. धरना प्रदर्शन में पूर्व मंत्री गीताश्री उरांव भी मौजूद थी. बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि यूसीसी लागू करना भाजपा के चुनावी एजेंडे में है. जब भी चुनाव की बारी आती है यह मुद्दा गर्म हो जाता है. एक बार फिर से यूसीसी का मुद्दा पूरे देश में गर्म है.
अगर केंद्र सरकार यूसीसी लागू करती है तो यह आदिवासियों के विशेष अधिकारों का हनन होगा. आदिवासियों को संविधान में विशेष अधिकार मिला है. हिंदू मैरिज एक्ट के तहत आदिवासियों की शादी नहीं होती है. संबंध विच्छेद में भी अलग तरीका अपनाया जाता है. हमारे यहां सामाजिक तौर पर इनका निपटारा होता है. अगर यूसीसी पूरे देश में लागू हो जाएगा तो आदिवासियों का नसरत विशेषाधिकार खत्म होगा बल्कि हमारा अस्तित्व भी खतरे में आ जाएगा.
वहीं, एक अन्य सामाजिक कार्यकर्ता कहते हैं कि आदिवासियों जल जंगल जमीन और परंपरा कि उनकी विरासत है. यूसीसी लागू कर केंद्र सरकार आदिवासियों का हक नहीं छीन सकती. यह हमारे लिए अधिकार की लड़ाई है. हम किसी भी कीमत में इस लड़ाई से पीछे नहीं हटेंगे. आपको बता दें कि भारत सरकार द्वारा समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए भारतीय विधि आयोग द्वारा सुझाव और विचार मांगा जा रहा है. ऐसे में आदिवासी अधिकार रक्षा मंच का कहना है कि यूसीसी आदिवासी समुदाय को दिए गए विशेषाधिकार का हन्न है.
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