देवघर रोपवे हादसा: देवदूत पन्नालाल की झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने ली सुध, घर में बनने लगा शौचालय
Trikut Pahar Ropeway Accident Case: देवघर जिले के त्रिकूट पहाड़ रोपवे हादसा में लोगों की जान बचाने वाले पन्नालाल के घर में शौचालय निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री को सूचित करते हुए देवघर के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने जानकारी दी है.
Trikut Pahar Ropeway Accident Case: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आदेश के बाद देवघर जिले के त्रिकूट पहाड़ रोपवे हादसा में लोगों की जान बचाने वाले बलडीहा (देवघर) निवासी पन्नालाल के घर में शौचालय निर्माण की प्रक्रिया शुरू हो गई है. मुख्यमंत्री को सूचित करते हुए देवघर के उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने बताया कि मामले को संज्ञान में लेते हुए संबंधित अधिकारी को जांच करते हुए पन्नालाल को आवश्यक सभी योजनाओं से जोड़ने का निर्देश दिया गया है.
क्या है मामला
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को जानकारी मिली थी कि देवघर के त्रिकूट पहाड़ रोपवे हादसे में 22 लोगों की जान बचाने वाले पन्नालाल के घर में शौचालय तक नहीं है. उनका परिवार खुले में शौच के लिए विवश है. वे सरकार की अधिकतर योजनाओं से वंचित हैं. ये जानकारी मिलते ही सीएम हेमंत सोरेन ने इसे गंभीरता से लिया और देवघर के उपायुक्त को मामले की जांच कर पन्नालाल को जरूरी सभी सरकारी योजनाओं से जोड़ते हुए सूचित करने का आदेश दिया था.
.@DCDeoghar कृपया उक्त मामले की जाँच कर पन्नालाल जी को जरूरी सभी सरकारी योजनाओं से जोड़ते हुए सूचित करें। https://t.co/PjVgCEkd5U
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) April 16, 2022
राज्य सरकार ने पन्नालाल को किया है सम्मानित
देवघर स्थित त्रिकूट पहाड़ पर रोपवे हादसे में लोगों की जान बचाने में दिन-रात लगने वाले रोपवे कर्मी पन्नालाल पंजीयारा को पिछले दिनों सरकार ने सम्मानित किया था. राज्य सरकार की ओर से एक लाख रुपये का चेक देकर सम्मानित किया गया था, वहीं सीएम हेमंत सोरेन ने पन्नालाल की जमकर तारीफ की थी. उन्होंने कहा था कि पन्नालाल को केंद्र सरकार से भी सम्मानित करने के लिए आग्रह किया जाएगा.
कौन हैं पन्नालाल पंजीयारा
देवघर के त्रिकूट पहाड़ रोपवे में वर्ष 2009 से पन्नालाल पंजीयारा कार्यरत हैं. पन्नालाल रोपवे हादसे के बाद रेस्क्यू टीम के साथ ट्रॉली में फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने में दिन-रात लगे रहे. एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर का रेस्क्यू शुरू होने से पहले पन्नालाल ने पूरी सजगता के साथ रस्सी और सेफ्टी बेल्ट के सहारे कुर्सी के जरिए दो ट्रॉली में 11 पर्यटकों को खुद रेस्क्यू कर सुरक्षित नीचे उतारा था.
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10 अप्रैल को हुआ था हादसा
आपको बता दें कि त्रिकूट पहाड़ रोपवे में रविवार (10 अप्रैल) की शाम बड़ा हादसा हो गया था. करीब 4:30 बजे रोपवे जैसे ही डाउन स्टेशन से चालू हुआ था कि पहाड़ की चोटी पर स्थित रोपवे के यूटीपी स्टेशन का रोलर अचानक टूट गया. इसके बाद रोपवे की 23 ट्रॉलियां एक झटके में सात फीट नीचे लटक गयीं. वहीं, सबसे पहले ऊपर की एक ट्रॉली 40 फीट नीचे खाई में गिर गयी, जिसमें पांच लोग सवार थे. स्थानीय लोगों और रोपवे कर्मियों ने मिलकर उस ट्रॉली में फंसे पांच लोगों को बाहर निकाला. सबसे नीचे की दो ट्रॉलियां पत्थर से जोरदार ढंग से टकरा गयी थीं. इन दोनों ट्रॉलियों में सवार सभी लोग बुरी तरह घायल हो गये थे. इस हादसे में तीन दिनों तक सेना के रेस्क्यू के बाद 46 लोग सुरक्षित निकाले जा सके, जबकि तीन लोगों की मौत हो गयी.
Posted By : Guru Swarup Mishra