कोल ब्लॉक नीलामी पर बढ़ी तकरार

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि मोदी सरकार ने देश को आत्मनिर्भर बनाने को लेकर कॉमर्शियल कोल माइनिंग का फैसला किया है. कोल ब्लॉक की नीलामी से झारखंड को हर वर्ष 15 हजार करोड रुपये की आय होगी. लगभग 50 हजार लोगों को रोजगार मिलेंगे. साथ ही अवैध खनन बंद होगा. झारखंड सरकार इस मामले में राज्य की जनता को दिग्भ्रमित कर धोखे में रखने का काम कर रही है.

By Prabhat Khabar News Desk | June 28, 2020 5:33 AM
  • भाजपा ने गिनाये कोल ब्लॉक नीलामी के फायदे, झामुमो ने उठाये सवाल

  • राज्य को हर वर्ष होगी 15 हजार करोड़ रुपये की आय : भाजपा

रांची : भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष राज्यसभा सांसद दीपक प्रकाश ने कहा कि मोदी सरकार ने देश को आत्मनिर्भर बनाने को लेकर कॉमर्शियल कोल माइनिंग का फैसला किया है. कोल ब्लॉक की नीलामी से झारखंड को हर वर्ष 15 हजार करोड रुपये की आय होगी. लगभग 50 हजार लोगों को रोजगार मिलेंगे. साथ ही अवैध खनन बंद होगा. झारखंड सरकार इस मामले में राज्य की जनता को दिग्भ्रमित कर धोखे में रखने का काम कर रही है.

श्री प्रकाश शनिवार को प्रदेश भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे. उन्होंने कहा कि भारत में 958 मिलियन टन कोयले की खपत है, जबकि 707 मिलियन टन कोयले का ही उत्पादन होता है. 251 मिलियन टन कोयले का आयात होता है. इसमें 1.5 लाख करोड़ खर्च होते हैं. झारखंड के छह जिलों में आठ स्थानों पर माइनिंग होती है. खदानों की नीलामी से कोल इंडिया के 463 खदानों पर कोई खतरा नहीं है. इन खदानों में एक सौ साल तक के कोयले का भंडार है. उन्होंने कहा की कॉमर्शियल माइनिंग के लिए मुख्यमंत्री ने धन्यवाद लिखा है. इस मामले में मुख्य सचिव की ओर से भी कोई आपत्ति नहीं जतायी गयी है. सांसद संजय सेठ ने कहा कि नीलामी राष्ट्र और राज्य हित में है.

भाजपा बताये कौन चुकायेगा विस्थापन की कीमत : झामुमो

रांची : कोल ब्लॉक की नीलामी पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने भाजपा पर पलटवार किया है. झामुमो के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि भाजपा बरगलाने का काम कर रही है. एक तरफ भाजपा कह रही है कि कोल ब्लॉक की नीलामी से लोगों को रोजगार मिलेगा, वहीं इससे लगभग 60 हजार लोग सीधे तौर पर विस्थापित होंगे. भाजपा को बताना चाहिए कि विस्थापन की कीमत कौन चुकायेगा. क्या विनाश विकास का आधार बनेगा? पार्टी कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत करते हुए श्री भट्टाचार्य ने कहा झारखंड के 22 कोल ब्लॉक की नीलामी होनी है.

केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को विश्वास में लिए बिना कोल ब्लॉक की नीलामी कर रही है. कोरोना संकट काल में नीलामी से भाजपा के उद्योगपति मित्रों को सीधा लाभ पहुंचेगा. जनवरी में जहां कोल का इंटरनेशनल रेट 90 डॉलर प्रति टन था, आज यह घट कर 54 डॉलर प्रति टन हो गया है. ऐसे समय में नीलामी होने से सीधा नुकसान होगा. उन्होंने कहा कि कोल ब्लॉक की नीलामी से पहले सोशल इंपैक्ट का एसेसमेंट भी नहीं किया गया.

हड़बड़ी में कोल ब्लॉक की नीलामी की जा रही है. उन्होंने कहा की सुप्रीम कोर्ट में सरकार की ओर से पूरी बात रखी जायेगी. उन्होंने कहा की रैयत को भी प्रोजेक्ट में डिविडेंड देने का प्रावधान करना होगा. कोल ब्लॉक की नीलामी को लेकर श्रमिक संघ की ओर से दो जुलाई से शुरू हो रहे आंदोलन का पार्टी समर्थन करेगी. एक सवाल के जवाब में श्री भट्टाचार्य ने कहा कि कोल ब्लॉक की नीलामी से हर वर्ष झारखंड को 15 हजार करोड़ मिलेंगे, लेकिन झारखंड की साढ़े तीन करोड़ जनता की आंखों से खून के आंसू बहेंगे. क्या दोनों की कीमत एक है?

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