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ट्यूशन फीस के साथ ऑनलाइन क्लास, वार्षिक शुल्क व बस किराया भी मांग रहे स्कूल

राज्य के शिक्षा मंत्री का आग्रह व निर्देश कुछ काम नहीं आ रहा है. निजी स्कूलों ने फीस जमा करने के लिए अभिभावकों को नोटिस देना शुरू कर दिया है. स्कूल शिक्षण शुल्क के साथ-साथ लॉकडाउन अवधि में शुरू किये गये ऑनलाइन क्लास के लिए अलग से फीस मांग रहे हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | May 19, 2020 5:02 AM

रांची : राज्य के शिक्षा मंत्री का आग्रह व निर्देश कुछ काम नहीं आ रहा है. निजी स्कूलों ने फीस जमा करने के लिए अभिभावकों को नोटिस देना शुरू कर दिया है. स्कूल शिक्षण शुल्क के साथ-साथ लॉकडाउन अवधि में शुरू किये गये ऑनलाइन क्लास के लिए अलग से फीस मांग रहे हैं. राजधानी के कुछ निजी स्कूलों ने फीस नहीं देने पर बच्चों को किताब नहीं दी. शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो के निर्देश पर झारखंड एकेडमिक काउंसिल ने निजी स्कूलों को एक पत्र भेजा था. पत्र में शिक्षा मंत्री की ओर से आग्रह किया गया था कि विद्यालय फीस जमा करने के लिए अभिभावकों पर दबाव नहीं डालें.

वहीं लॉकडाउन अवधि का बस किराया नहीं लें. पर कुछ निजी स्कूल शिक्षा मंत्री के आग्रह को दरकिनार करते हुए फीस जमा करने के लिए दबाव डाल रहे हैं. आलम यह है कि ट्यूशन फीस छोड़ भी दिया जाये, तो स्कूल प्रबंधन बस किराया, पत्रिका शुल्क, एसएमएस शुल्क वसूल रहे हैं. आग्रह के बाद शिक्षा मंत्री ने निर्देश भी दिया था शिक्षा मंत्री ने 28 अप्रैल को निर्देश दिया था कि स्कूल मई तक किसी प्रकार के फीस की वसूली अभिभावकों से नहीं करें. शिक्षा मंत्री के निर्देश के 20 दिन बाद भी स्कूली शिक्षा व साक्षरता विभाग द्वारा इस संबंध में कोई पत्र जारी नहीं किया गया. लॉकडाउन अवधि में फीस निर्धारण को लेकर कमेटी गठित करने की बात कही गयी थी, पर आज तक कमेटी का गठन भी नहीं हो सका.

स्कूलों का तर्क : फीस नहीं लेंगे, तो वेतन कहां से देंगे प्राचार्यों ने कहा कि स्कूल के पास फीस के अलावा आय दूसरा कोई स्रोत नहीं है. ऐसे में अगर अभिभावक फीस नहीं देंगे, तो शिक्षक व गैर शैक्षणिक स्टाफ का वेतन कहां से देंगे. वहीं एक स्कूल के प्राचार्य ने कहा कि सरकार ने फीस नहीं लेने के लिए कोई आदेश नहीं जारी किया है. अगर सरकार आदेश जारी करती है, तो उस पर विचार कर उसे लागू किया जायेगा. अगर कोई अभिभावक परेशानी के कारण फीिस जमा नहीं करते हैं, तो उनसे विलंब चार्ज नहीं लिया जायेगा.

स्कूल ले रहे हैं सभी तरह का चार्ज निजी स्कूल ट्यूशन फीस, बिल्डिंग फंड, लाइब्रेरी फी, गेम्स, ग्रेच्युटी फंड, ऑउट रिच, एम मीडिया, एसएमएस, मेडिकल, स्कूल फंड, फीस बुक, मैगजीन फीस व बस फीस, टेक्नोलॉजी फीस, एसाइनमेंट फीस, मेंटेनेंस फीस, एग्जाम फीस, सिलेबस/कोड/डायरी फीस व ऑनलाइन चार्ज के एवज में फीस ले रहे हैं.

कौन-कौन स्कूल मांग रहे हैं फीस

संत एंथोनी स्कूल, संत फ्रांसिस हरमू, शारदा ग्लोबल स्कूल, सच्चिदानंद स्कूल, डीएवी गांधीनगर, डीएवी बरियातू, संत जेवियर्स स्कूल, डीपीएस, सरला-बिरला स्कूल (दो माह का बस फीस), संत फ्रांसिस लोवाडीह सहित अन्य स्कूल.

इन स्कूलों में नहीं ली जा रही फीस

सुरेंद्रनाथ सेंटेनरी स्कूल, सरस्वती शिशु विद्या मंदिर, टेंडर हर्ट, संत थॉमस, जेवीएम श्यामली, विवेकानंद विद्या मंदिर, केराली स्कूल, लोयोला स्कूल (पहले दिया था, अब मना किया), मनन विद्या स्कूल ने अभी तक अभिभावकों को फीस के लिए नोटिस या पोर्टल पर कोई जानकारी नहीं दी है.

ऑनलाइन पढ़ाई से स्कूल कमा रहे हैं लाखों रुपये

राजधानी में कई स्कूलों द्वारा इन दिनों ऑनलाइन पढ़ाई व एमएसएम के नाम पर विद्यार्थियों से राशि ली जा रही है. स्कूल द्वारा यह राशि एसएमएस के लिए 140 रुपये व ऑनलाइन पढ़ाई के लिए 1200 रुपये ली जा रही है. अगर औसतन एक स्कूल में दो हजार विद्यार्थी हैं और एसएमएस और ऑनलाइन पढ़ाई के लिए ली जा रही राशि जोड़ दिये जाये, तो कुल 26 लाख 80 हजार रुपये विद्यार्थियों से वसूले जा रहे हैं.

इन स्कूलों ने फीस के अलावा अन्य मद में कितने रुपये मांगे संत जेवियर्स स्कूल संत जेवियर्स स्कूल द्वारा अभिभावकों को भेजे गये एसएमएस में ट्यूशन फीस 3900 रुपये, बिल्डिंग फंड 200, लाइब्रेरी फी 40, गेम्स 40, ग्रेच्युटी फंड 200, ऑउट रिच 20, एम मीडिया 200, एसएमएस 140, मेडिकल 100, स्कूल फंड 1000 व फीस बुक के लिए 30 रुपये लिया जा रहा है.

शारदा ग्लोबल स्कूल शारदा ग्लोबल स्कूल में ट्यूशन फीस 2120 रुपये, टेक्नोलॉजी फीस 3300 रुपये, असाइनमेंट फीस 1200, मेंटेनेंस फीस 2000 रुपये, एग्जाम फीस 550 रुपये, सिलेबस/कोड/डायरी फीस 350 रुपये, मेडिकल फीस 150 रुपये व ऑनलाइन चार्ज 1200 रुपये लिया जा रहा है.

डीएवी कपिलदेव डीएवी कपिलदेव स्कूल प्रबंधन ने अभिभावकों को नोटिस देकर स्कूल फीस सहित अन्य चार्ज देने को कहा है. कक्षा दो के लिए ट्यूशन फीस 2320 रुपये, मैगजीन फीस 200 रुपये, बस फीस 1100 रुपये लिया गया.

डीएवी गांधीनगर डीएवी गांधीनगर स्कूल प्रबंधन ने अभिभावकों को मैसेज भेज कर मार्च तक की फीस सहित अन्य बकाया भुगतान करने को कहा है. वहीं स्कूल में किताब लेने गये अभिभावकों को पहले फीस जमा करके आने को कहा गया है. स्कूल प्रबंधन द्वारा कहा गया कि पहले फीस जमा करने की रसीद दिखायें, उसके बाद ही पुस्तक मिलेगी.

संत एंथोनी स्कूल स्कूल संत एंथोनी स्कूल ने अभिभावकों को टयूशन फीस 2600 रुपये के साथ कुल 18000 रुपये जमा करने की जानकारी दी है. इसमें टयूशन शुल्क के अलावा मेंटेनेंस, एनुअल, डेवलपमेंट व स्मार्ट क्लास शुल्क शामिल हैं.

डीएवी बरियातू डीएवी बरियातू में अप्रैल व मई माह का फीस 4400 रुपये, एनुअल फीस 3300, स्मार्ट क्लास एंड एसएमएस के लिए 300 रुपये, कंप्यूटर के लिए 220 रुपये, परीक्षा फीस 140 सहित 8620 रुपये की मांग की गयी है.

डीपीएस स्कूल डीपीएस स्कूल ने अपने स्कूल पोर्टल पर फीस जमा करने की जानकारी दी है. जिसमें अलग-अलग कक्षा के लिए एकमुश्त राशि जमा करने की जानकारी दी गयी है. बस फीस का जिक्र नहीं किया गया है. संत फ्रांसिस स्कूल, हरमू संत फ्रांसिस स्कूल का अप्रैल का टयूशन फीस 1930 रुपये है, लेकिन अभिभावकों को 7730 रुपये जमा करने को कहा गया है.

डीएवी हेहल ने केवल ट्यूशन फीस मांगा डीएवी हेहल ने केवल ट्यूशन फीस देने को कहा है. विद्यालय द्वारा बस समेत किसी भी अन्य प्रकार के फीस की मांग नहीं की गयी है.

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