Ranchi News: पूरा मोरहाबादी मैदान शनिवार को टुसू महोत्सव के उल्लास में डूबा रहा. महोत्सव में सिल्ली, तमाड़, चांडिल, हलमाद आदि जगहों के ग्रामीण शामिल हुए. रांची वीमेंस कॉलेज और डॉ श्याम प्रसाद मुखर्जी विवि के विद्यार्थी भी टुसू लेकर पहुंचे थे. दो घंटे तक तोके टुसू जले दिबो नाय…, टुसूर नाम गेंदा फुल, अगहन सांकराते मां गो टुसू थापी.., आदि गीतों पर ढोल, नगाड़ा और मांदर के थाप सभी झूमते रहे. यह आयोजन कुरमाली भाषा परिषद ने शनिवार को किया. मुख्य अतिथि सांसद संजय सेठ ने कहा कि टुसू पर्व में जो उत्साह यहां के लोगों का दिखता है. वह काबिले तारीफ है. उन्होंने कुरमाली भाषा परिषद के सदस्यों का आभार प्रकट करते हुए कहा कि परिषद के कारण ही आज टुसू का यह पर्व गांव से निकलकर राजधानी तक आया है. परिषद के अध्यक्ष डॉ राजाराम महतो ने कहा कि अपनी भाषा संस्कृति को आज बचाकर रखने की जरूरत है. जब भाषा व संस्कृति बचेगी. तभी हम खुद को बचा पायेंगे. मौके पर विंग कमांडर ज्ञानेश्वर सिंह, डॉ धनेश्वर महतो, ब्रजेंद्र महतो, प्रदीप महतो, विपिन बिहारी देशरत्न, रामकृष्ण भगत, दिनेश चंद्र महतो, उपेंद्र नारायण सिंह, प्रहलाद महतो, डॉ परमेश्वरी महतो, डॉ नीना महतो, प्रो जयंती महतो, प्रो नीलू महतो, प्रभा महतो, सुनील महतो, कवि देवेंद्र महतो, मुक्ति महतो, वंशीधर महतो, बीएन प्रमाणिक, प्रभात चंद्र महतो, दिलेश्वर महतो, दुर्गा महतो, सहोदर महतो, रीना महतो, रेखा महतो, दिनेश महतो, सुचिता महतो, सत्यनारायण महतो आदि उपस्थित थे.
मोरहाबादी मैदान में राज्य की 10 जगहों से महिलाओं व युवतियों की टोली चौड़ल लेकर पहुंची थी. इसमें आकर्षण का केंद्र 251 फीट ऊंचा चौड़ल था. लोग इस चौड़ल के साथ सेल्फी भी ले रहे थे.
महोत्सव में पीठा प्रतियोगिता हुई. इसके तहत महिलाएं गांव से पीठा बनाकर दोना में लेकर आयी थीं. इस प्रतियोगिता में 31 महिलाओं ने भाग लिया. प्रतियोगिता में शामिल सभी महिलाओं को पुरस्कृत किया गया. साथ ही सबसे बड़ा टुसू लेकर पहुंचे दल को भी सम्मानित किया गया.
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