झारखंड : नौ वर्ष की उम्र में विराट और विराज के नाम मैथ्स के 19-19 रिकॉर्ड, दोनों जुड़वा भाई कर रहे हैं कमाल
झारखंड के दो जुड़वा भाई विराट और विराज ने कमाल कर दिखाया है. दरअसल, 550 बच्चों के सामने प्रतिभा का लोहा मनवाया. दोनों भाई इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड के लिए कई रिकॉर्ड बना चुके हैं.
पंजाबी कॉलोनी नामकुम के नौ वर्षीय जुड़वां भाई विराट और विराज माकेन अब ”द मैथमेटिक्स जीनियस ऑफ इंडिया” के नाम से जाने लगे हैं. यह नाम इन बच्चों को एनसीइआरटी ने दिया है. विराट और विराज चौथी कक्षा के छात्र हैं, लेकिन आठवीं तक के मैथ्स को आसानी से हल कर देते हैं. इसी प्रतिभा को देखते हुए प्रधानमंत्री इ-विद्या चैनल ने इन दोनों को मौका दिया, ताकि अन्य बच्चे भी इनसे सीख सकें. विराट और विराज अब तक मैथ्स से जुड़े 19-19 रिकॉर्ड बना चुके हैं. इसकी शुरुआत इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड से हुई, जहां दोनों भाईयों ने एक से 75 और इससे अधिक का पहाड़ा सीधा और उल्टा पढ़ने का रिकॉर्ड बनाया था.
अब आंखें बंद कर 500 तक के फास्टेस्ट स्क्वायर रूट, 500 तक का फास्टेस्ट क्यूब, फास्टेस्ट टू डिजिट नंबर मल्टीप्लिकेशन, फास्टेस्ट व यंगेस्ट अलजेब्रिक आइडेंटिटी एक्सप्रेशन को साझा करना सीख चुके हैं. यहीं कारण है कि पांच जून को भी इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड बनाया है. वहीं, 22 मई को विराट और विराज ने लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपनी दावेदारी रखी. नामकुम थाना परिसर में लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड के प्रतिनिधियों की देख-रेख में विराज ने 1.1 मिनट में 22 अलग-अलग अंक के थ्री डिजिट रैंडम नंबर क्यूब का अनूठा रिकॉर्ड बनाया. वहीं, विराट ने 1.1 मिनट में 26 अलग-अलग अंक के थ्री डिजिट रैंडम नंबर स्क्वायर का सटीक उत्तर दिया.
आइएसआइ कोलकाता ने कराया साक्षात्कार
द कैलकुलेटर ब्वॉय विराट और विराज की इस प्रतिभा को देखते हुए इंडियन स्टैटिस्टिकल इंस्टीट्यूट (आइएसआइ) कोलकाता भी इन्हें आमंत्रित कर चुका है. यहां 550 बच्चों के सामने प्रतिभा का लोहा मनवाया. दोनों भाई इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड के लिए कई रिकॉर्ड बना चुके हैं. इसके अलावा इंटरनेशनल जीनियस बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड, वर्ल्ड वाइड बुक ऑफ रिकॉर्ड, इंडिया वर्ल्ड रिकॉर्ड, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड, ओएमजी वर्ल्ड रिकॉर्ड समेत अन्य में अपना नाम दर्ज किया है. विराट और विराज की इस प्रतिभा का श्रेय गणित शिक्षक पिता गगन माकेन को जाता है. जिन्होंने बच्चों को कॉन्सेप्ट कोड, ट्रिक मेथाडोलॉजी, वेब कैलकुलेशन, अलजेब्रा, हैंड एंड माइंड कैलकुलेटर तकनीक सिखाने में मदद की. वहीं मां शिल्पी माकेन लगातार बच्चों की प्रतिभा को बढ़ाने में सहयोग कर रही हैं.