IAS बनने से चूक गए दो योग्य अधिकारी, तय समय पर विभाग ने नहीं भेजा था UPSC को प्रस्ताव
गैर एससीएस (स्टेट सिविल सर्विस) से आइएएस कैडर में नियुक्ति (प्रोन्नति) से संबंधित फाइल को संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) ने राज्य को लौटा दिया है. गैर एससीएस के अधिकारियों के लिए वर्ष 2021 के आइएएस कैडर में नियुक्ति के लिए दो सीट थी. इसके लिए यूपीएससी ने 31 दिसंबर 2022 तक प्रस्ताव मांगा था.
रांची, राणा प्रताप. गैर एससीएस (स्टेट सिविल सर्विस) से आइएएस कैडर में नियुक्ति (प्रोन्नति) से संबंधित फाइल को संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) ने राज्य को लौटा दिया है. गैर एससीएस के अधिकारियों के लिए वर्ष 2021 के आइएएस कैडर में नियुक्ति के लिए दो सीट थी. इसके लिए यूपीएससी ने 31 दिसंबर 2022 तक प्रस्ताव मांगा था, लेकिन निर्धारित समय तक राज्य सरकार की ओर से प्रस्ताव नहीं भेजा गया. राज्य सरकार ने 29 दिसंबर 2022 को यूपीएससी को डाक से प्रस्ताव भेजा था.
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राज्य सरकार का प्रस्ताव यूपीएससी को दो जनवरी 2023 को प्राप्त हुआ
उक्त प्रस्ताव हाथों हाथ भेजने पर अगले दिन यूपीएससी को मिल जाता, लेकिन डाक से भेजा गया राज्य सरकार का प्रस्ताव यूपीएससी को दो जनवरी 2023 को प्राप्त हुआ. प्रस्ताव को यूपीएससी ने यह कहते हुए राज्य सरकार को वापस कर दिया कि चयन समिति की बैठक अब व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है, क्योंकि आपका प्रस्ताव निर्धारित समय के बाद आया है. इसलिए चार जनवरी 2023 को यूपीएससी ने प्रस्ताव को वापस कर दिया. ऐसा होने से गैर एससीएस संवर्ग के दो योग्य अधिकारियों की नियुक्ति आइएएस कैडर में नहीं हो पायी. साथ ही साथ राज्य भी दो आइएएस अधिकारियों से वंचित रह गया.
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आरटीआइ के तहत मांगी गयी सूचना से हुआ खुलासा
गैर एससीएस अधिकारियों को आइएएस कैडर में नियुक्ति के लिए जो प्रस्ताव भेजा गया था, वह निर्धारित तिथि से एक दिन पहले भेजा गया था, जो यूपीएससी को विलंब से मिला. इसका खुलासा सूचनाधिकार के तहत मांगी गयी सूचना से हुआ है. सामाजिक कार्यकर्ता सह झारखंड हाइकोर्ट के अधिवक्ता सुनील कुमार महतो ने यूपीएससी से सूचना मांगी थी. यूपीएससी ने सूचना उपलब्ध कराते हुए वस्तुस्थिति स्पष्ट की.