रांची/नयी दिल्ली : झारखंड के दो युवक देश की राजधानी दिल्ली में राशन कार्ड छपाई का ठेका देने के नाम पर लोगों से पैसे ऐंठते थे. दिल्ली पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है. इनके नाम प्रत्युष कुमार राणा और विकास कुमार हैं. ये लोग केंद्र सरकार की ‘एक देश – एक राशन कार्ड’ योजना के तहत नये राशन कार्ड छपाने के नाम पर गोरखधंधा कर रहे थे. रांची और चतरा के रहने वाले ये लोग कॉन्ट्रैक्ट देने के नाम पर 15 लाख रुपये तक मांग रहे थे. कई लोगों को इन्होंने अपने झांसे में ले लिया था.
केंद्रीय मंत्री राव साहेब दादाराव दान्वे ने बताया कि झारखंड के प्रत्युष कुमार और उसके सहयोगी विकास कुमार को इस मामले में राष्ट्रीय राजधानी में गिरफ्तार किया गया है. खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के राज्यमंत्री ने कहा, ‘सरकार की ‘एक देश एक राशन कार्ड’ योजना के तहत नये राशन कार्ड की जरूरत नहीं है, लेकिन इस गिरोह ने लोगों को यह कहकर भ्रमित किया कि योजना के तहत नये राशन कार्ड की जरूरत है और इसके लिए एक निजी कंपनी को ठेका जारी किया गया. उन्होंने यह कार्य आधार ब्योरा के साथ प्लास्टिक कार्ड की छपाई करने के लिए उप-ठेके के तौर पर दिया.’
मंत्री ने कहा कि 6 फरवरी को उनके कार्यालय ने पुलिस को इस संबंध में सूचित किया. पुलिस को बताया गया कि उन्हें इस बारे में सूचनाएं मिल रही हैं कि कुछ लोग राशन कार्ड छपाई का ठेका जारी करने जैसी धोखाधड़ी करने में लगे हैं. इसके बाद दो मार्च को महाराष्ट्र से मामले में पीड़ित एक व्यक्ति भागवत साहेबारो वायल ने मंत्रालय से संपर्क किया और मामले में शिकायत की. मामले को देखने के लिए एक टीम गठित की गयी.
महाराष्ट्र के रहने वाले भागवत ने मंत्रालय को बताया कि झारखंड के दो लोगों ने दिल्ली के एक जिला के राशन कार्ड की छपाई का कॉन्ट्रैक्ट देने के लिए उनसे 15 लाख रुपये की मांग की है. चतरा के रहने वाले प्रत्यूष कुमार राणा और रांची के रहने वाले विकास कुमार को पुलिस ने फर्जीवाड़ा करने के लिए बनायी गयी चिट्ठी के साथ धर दबोचा. दिल्ली पुलिस अब जांच में जुट गयी है कि कहीं इन दोनों का गोरखधंधा देश के अन्य राज्यों में भी तो नहीं फैला है.
महाराष्ट्र के भागवत ने पुलिस को बताया कि उसके एक मित्र ने उसे जानकारी दी कि काविन प्राइवेट लिमिटेड (Kalvin Pvt Ltd), एफएसएस प्राइवेट लिमिटेड (FSS Pvt Ltd), तन्नू ग्लोबल (Tannu Global) और महिंद्रा एमआइटी (Mahindra MIT) जैसी कंपनियों को एक नयी योजना के तहत महाराष्ट्र में राशन कार्ड की छपाई का ठेका दिया गया है. भागवत और उसके दोस्त ने इस कॉन्ट्रैक्ट को हासिल करने के लिए मोटी रकम का भुगतान किया.
रांची में करार पर हुआ दस्तखत
शिकायतकर्ता भागवत साहेबारो वायल और उसके मित्र इसका ठेका हासिल करना चाहते थे. इसलिए दोनों झारखंड की राजधानी रांची पहुंचे. यहां हरमू बाइपास रोड स्थित एफएसएस प्राइवेट लिमिटेड के कार्यालय में कुछ दस्तावेज दिखाये गये. उन्हें बताया गया कि इस योजना के तहत कौन-कौन से कागज जरूरी हैं. दिल्ली के डीसीपी ने बताया कि रांची पहुंचने से पहले एक जिले के कार्ड की छपाई के लिए 8 लाख रुपये में सौदा तय हुआ था. लेकिन, बाद में इसे 15 लाख रुपये कर दिया गया. इसमें भी शर्त यह जोड़ दी गयी कि 9 लाख रुपये एडवांस में देना होगा. बाकी पैसे काम शुरू होने के बाद.
नीयत पर हुआ शक और कर दी शिकायत
भागवत और उसके दोस्त को यहीं एफएसएस प्राइवेट लिमिटेड कंपनी चलाने वालों की नीयत पर शक हुआ. वे दस्तावेज के साथ दिल्ली लौटे और मंत्रालय में इस योजना के बारे में पूछताछ की. विस्तृत जानकारी मंत्रालय को दी. इसके पहले इन लोगों ने 10 लाख में से 3.5 लाख रुपये का भुगतान कर दिया था. दिल्ली के डीसीपी ने बताया कि वायल और उसके दोस्त की शिकायत पर पुलिस ने प्रत्युष और विकास की गिरफ्तारी के लिए जाल बिछाया और उन्हें धर दबोचा. इनसे पूछताछ की जा रही है. इनके गिरोह से जुड़े कुछ और लोग गिरफ्तार किये जा सकते हैं.
तीन और लोगों की है दिल्ली पुलिस को तलाश
पुलिस को सूचना मिली है कि गिरोह में तीन और लोग हैं. पुलिस उनकी तलाश में जुटी हुई है. दिल्ली पुलिस ने बताया है कि प्रत्युष कुमार (38) झारखंड के चतरा जिला का रहने वाला है, जबकि दूसरा विकास कुमार (25) झारखंड की राजधानी रांची का. प्रत्युष लोगों को अपनी कंपनी मेसर्स फ्रेंड्स सिक्यूरिटीज प्राइवेट लिमिटेड के नाम पर अपने साथियों के साथ मिलकर लोगों को झांसे में लेता है.
केंद्रीय मंत्री बोले : झांसे में न आयें लोग
खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान और राज्यमंत्री राव साहेब दादाराव दान्वे ने लोगों से कहा है कि ऐसे ठगों से सावधान रहें. सरकार ने नये राशन कार्ड की छपाई का किसी प्रकार का टेंडर किसी को नहीं दिया है. ‘वन नेशन, वन राशन कार्ड’ योजना से देश के राज्य जुड़ चुके हैं. एक जून, 2020 को 8 औ राज्य इस योजना से जुड़ जायेंगे. इसके लिए न तो नया राशन कार्ड बनवाना है, न ही उपभोक्ता को कोई फॉर्म भरना है.