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Jharkhand: रांची के करीब दो लाख लोगों को 20-25 दिनों तक झेलना होगा बिजली संकट, पढ़ें पूरी खबर

कांके ग्रिड से जुड़े लगभग दो लाख की आबादी को अगले 20 से 25 दिनों तक बिजली संकट झेलना पड़ सकता है. शुक्रवार को आंधी के कारण गिरे हुए बिजली टावर को बनने में काफी समय लगेगा. इस दौरान इस ग्रिड से जुड़े लोगों को 75 मेगावाट की जगह करीब 30 से 35 मेगावाट बिजली ही उपलब्ध हो सकेगी.

वरीय संवाददाता, रांची

राजधानी में कांके ग्रिड से जुड़े लगभग दो लाख की आबादी को अगले 20 से 25 दिनों तक बिजली संकट झेलना पड़ सकता है. शुक्रवार को आंधी के कारण गिरे हुए बिजली टावर को बनने में काफी समय लगेगा. इस दौरान इस ग्रिड से जुड़े लोगों को 75 मेगावाट की जगह करीब 30 से 35 मेगावाट बिजली ही उपलब्ध हो सकेगी.

सर्किट काफी पुराना

हटिया-टू ग्रिड से अचानक दोनों सर्किट ब्रेक डाउन हो जाने के बाद सारा दबाव तीसरे सर्किट पर आ गया है. यह सर्किट काफी पुराना है और वर्तमान में कांके ग्रिड का पूरा लोड नहीं सह सकता. लिहाजा इसे आधी क्षमता के साथ चलाया जायेगा. इधर, ट्रांसमिशन टावर गिरने के 24 घंटे बाद भी स्थितियां ज्यादा नहीं बदली हैं. झारखंड ऊर्जा संचरण निगम लिमिटेड का प्रयास है कि जिन जगहों पर टावर जमीन पर गिरे हैं, उसे किसी तरह से एंटी थेफ्ट चार्ज कर दिया जाये. इससे कीमती तारों और उपकरणों की चोरी होने का खतरा फिलहाल टल जायेगा. टावर नंबर 78, 81 और 98 और 99 के हाइवोल्टेज तारों के स्पैनिंग और इसे दुरुस्त करने का काम युद्धस्तर पर चल रहा है. आपको बता दें कि शुक्रवार की शाम खराब मौसम के बीच कांके ग्रिड को हटिया-वन से जोड़ने वाली 132 केवी संचरण लाइन से जुड़े चार ट्रांसमिशन टावर गिरकर ध्वस्त हो गये थे.

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कई जगह तहस-नहस हो गये विद्युत उपकरण

झारखंड राज्य ऊर्जा संचरण निगम लिमिटेड के अधिकारियों ने बताया कि 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चली तेज आंधी ने बिजली आपूर्ति बाधित की. इससे विद्युत उपकरणों को काफी नुकसान पहुंचा है और यह कई जगह तहस-नहस हो गये. बिजली बहाल करने के लिए 100 से अधिक इलेक्ट्रिशियन काम कर रहे हैं. कुछ इलाकों में वैकल्पिक ग्रिड से आपूर्ति की जा रही है. इस समस्या को काफी हद तक रविवार रात तक सुलझा लिया जायेगा, जबकि पूरी तरीके से बिजली बहाल करने में कुछ दिन और लगेंगे.

छह सबस्टेशनों में बारी-बारी से बिजली आपूर्ति की गयी

कांके ग्रिड से 33 केवी राजभवन, मोरहाबादी, कांके, सिरडो-वन, सिरडो-टू और बोबरो पावर सबस्टेशन के बड़े इलाके में बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करायी जाती है. उत्पन्न संकट का असर चार सब स्टेशनों पर अधिक देखा गया. यहां दोपहर में फुल लोड बिजली दी गयी. देर शाम पीक ऑवर में रातू, ठाकुरगांव, हुरहुरी, बेडवारी, कांके, पिठोरिया, बोड़ेया, चंदवे, बाजपुर, नगड़ी सहित रिंग रोड और इसके आसपास के इलाकों में बिजली संकट गहरा गया. इस दौरान 45 मिनट के अंतराल पर लोडशेडिंग कर बारी-बारी से उपभोक्ताओं को कामचलाऊ बिजली उपलब्ध करायी गयी.

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