स्नातक के छात्रों को चौथे सेमेस्टर के बाद इंटर्नशिप करना अनिवार्य, बिना इसके नहीं मिलेगी डिग्री
इंटर्नशिप एक क्रेडिट का यानि प्रति सप्ताह दो घंटे का कार्य होगा. इसके अनुसार 15 सप्ताह में एक क्रेडिट 30 घंटे के बराबर होगा.
रांची : स्नातक के विद्यार्थियों के लिए अब इंटर्नशिप व रिसर्च इंटर्नशिप आवश्यक किया गया है. विद्यार्थियों के लिए 60 से 120 घंटे का इंटर्नशिप आवश्यक किया गया है. यह इंटर्नशिप चौथे सेमेस्टर के बाद करनी होगी. विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने गाइडलाइंस के लिए ड्राफ्ट तैयार किया है. साथ ही शिक्षाविद, विवि व आम लोगों से इसमें किसी प्रकार के और संशोधन या दिये गये दिशा-निर्देश पर 12 नवंबर तक सुझाव मांगे हैं. यूजीसी के सचिव प्रो मनीष जोशी के अनुसार छात्रों को स्थानीय उद्योग, व्यवसायों, आर्टिस्ट, शिल्पकारों आदि के साथ इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करना है.
यह रोजगार में भी सहायक होगा. इसे देखते हुए इंटर्नशिप ड्राफ्ट तैयार किया गया है. इस ड्राफ्ट में स्नातक पाठ्यक्रम के लिए क्रेडिट फ्रेमवर्क के अनुसार तीन वर्षीय डिग्री/चार वर्षीय स्नातक डिग्री ऑनर्स तथा चार वर्षीय स्नातक डिग्री रिसर्च के साथ ऑनर्स के विद्यार्थियों के लिए न्यूनतम 120 से 160 क्रेडिट में से न्यूनतम दो से चार क्रेडिट इंटर्नशिप के लिए दिये जायेंगे. इंटर्नशिप एक क्रेडिट का यानि प्रति सप्ताह दो घंटे का कार्य होगा. इसके अनुसार 15 सप्ताह में एक क्रेडिट 30 घंटे के बराबर होगा. चार वर्षीय स्नातक डिग्री रिसर्च के साथ अॉनर्स के लिए पूरे आठवें सेमेस्टर के दौरान 12 क्रेडिट का रिसर्च मैनेजमेंट/रिसर्च परियोजना में विद्यार्थियों की भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी.
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जब तक इसे पूरा नहीं किया जायेगा, डिग्री नहीं मिलेगी. विद्यार्थियों को चयनित नोडल अफसर को शोध परियोजना, शोध प्रबंध, थीसिस, प्रोजेक्ट कार्य जमा करना होगा. इंटर्नशिप मुख्य रूप से ट्रेड व एग्रिकल्चर एरिया, इकोनॉमी एंड बैंकिंग फाइनांसियल सर्विस एंड इंश्यूरेंस एरिया, लॉजिस्टिक, ऑटोमोटिव एंड कैपिटल गुड्स एरिया, फास्ट मोविंग कंज्यूमर गुड्स एंड रिटेल एरिया, आइटी, हैंडक्राफ्ट, आर्ट एंड डिजाइन, म्यूजिक एरिया, हेल्थ केयर एंड लाइफ साइंस, स्पोर्ट्स विलनेस एंड फिजिकल एडुकेशन, टूरिज्म एंड हॉस्पिटेलिटी, कम्यूनिकेशन एरिया, एडुकेशन एरिया, सस्टेनबुल डेवलपमेंट एरिया, इनवायरमेंट एरिया, कॉमर्स, मीडियम एंड स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज एरिया, मशीन लर्निंग आदि शामिल हैं.