UGC Latest News : यूजीसी ने मांगे सुझाव, अब इस योजना के तहत देश-विदेश से एक साथ डिग्री ले सकेंगे विद्यार्थी, जानें क्या होगा इसका मापदंड

UGC Dual Degree Rules 2021 : इस रेगुलेशन ड्राफ्ट के आधार पर कोई विद्यार्थी समान कोर्स भारत व विदेश के संस्थान में नहीं कर सकेंगे. विद्यार्थी डिग्री व डिप्लोमा भी प्राप्त कर सकेंगे. इसका डिजाइन दोनों संस्थान मिल कर बनायेंगे. सर्टिफिकेट अलग-अलग नहीं होंगे. एक ही सर्टिफिकेट दोनों संस्थान मिल कर संयुक्त रूप से देंगे. विद्यार्थी को दोनों विवि में कम से कम 30 प्रतिशत क्रेडिट लाना अनिवार्य होगा. पीएचडी के लिए विद्यार्थी को थीसिस एक ही जमा करने होंगे,

By Prabhat Khabar News Desk | February 20, 2021 10:02 AM
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Jharkhand News, Ranchi News, UGC latest news रांची : भारतीय उच्च शिक्षण संस्थानों के विद्यार्थी अब एक साथ विदेशी उच्च शिक्षण संस्थान से भी डिग्री हासिल कर सकेंगे. दोनों संस्थान के आपसी सहयोग से शोध कार्य कर सकेंगे. केंद्र सरकार ने इससे संबंधित रेगुलेशन ड्राफ्ट तैयार किया है. केंद्र के ही निर्देश पर यूजीसी ने इस ड्राफ्ट के संबंध में किसी प्रकार की प्रतिक्रिया, सुझाव व फीडबैक के लिए विद्यार्थियों, शिक्षकों और संस्थानों से पांच मार्च 2021 तक सुझाव मांगे हैं. इस एकेडमिक कोलैबरेशन के तहत विद्यार्थी ज्वाइंट डिग्री, डुएल डिग्री व ट्विनिंग अरेंजमेंट कर सकेंगे. सुझाव प्राप्त होने के बाद इसे नियमानुसार लागू किया जायेगा.

क्या है रेगुलेशन ड्राफ्ट में :

इस रेगुलेशन ड्राफ्ट के आधार पर कोई विद्यार्थी समान कोर्स भारत व विदेश के संस्थान में नहीं कर सकेंगे. विद्यार्थी डिग्री व डिप्लोमा भी प्राप्त कर सकेंगे. इसका डिजाइन दोनों संस्थान मिल कर बनायेंगे. सर्टिफिकेट अलग-अलग नहीं होंगे. एक ही सर्टिफिकेट दोनों संस्थान मिल कर संयुक्त रूप से देंगे. विद्यार्थी को दोनों विवि में कम से कम 30 प्रतिशत क्रेडिट लाना अनिवार्य होगा. पीएचडी के लिए विद्यार्थी को थीसिस एक ही जमा करने होंगे,

लेकिन सुपरवाइजर दोनों विवि के होंगे. विदेशी संस्थान में नामांकन के लिए संबंधित विद्यार्थी को भारतीय संस्थान में 50 प्रतिशत क्रेडिट लाना होगा. परीक्षा किसी एक ही जगह होगी. विद्यार्थी को इस बात का ध्यान रखना होगा कि कोई भी ऐसा कोर्स या शोध प्रस्तुत नहीं करेंगे, जो राष्ट्रीय सुरक्षा व भारत की क्षेत्रीय अखंडता के खिलाफ नहीं हो. विदेशी संस्थान के साथ कोलैबरेशन के लिए भारतीय संस्थान को अपने गवर्निंग बॉडी, सिंडिकेट, बोर्ड अॉफ मैनेजमेंट आदि से सहमति लेनी होगी. विदेशी विद्यार्थी के लिए भारतीय संस्थान प्रयोगशाला, पुस्तकालय आदि सुविधाएं उपलब्ध करायेंगे. दोनों संस्थानों के लिए एक लिखित समझौता (एमअोयू) होगा.

कौन संस्थान हो सकेंगे शामिल :

इस व्यवस्था के तहत वैसे उच्च शिक्षण संस्थान को अनुमति होगी, जिन्हें नैक मूल्यांकन से कम से कम 3.01 स्कोर प्राप्त हो या फिर राष्ट्रीय रैकिंग के तहत विवि श्रेणी में टॉप 500 में शामिल हों. इसी प्रकार विदेशी संस्थान भी वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में शामिल हो. प्रथम चरण में दोनों संस्थानों के बीच कोलैबोरेशन पांच वर्ष के लिए किया जायेगा. अवधि समाप्ति के छह माह पहले नवीकरण किया जा सकेगा. दोनों संस्थानों में तालमेल के लिए विवि मुख्यालय में इंटरनेशनल अफेयर्स अॉफिस खोलना अनिवार्य होगा. यूजीसी में देश-विदेश से विद्यार्थी एक साथ डिग्री लेने तथा Latest News in Hindi से अपडेट के लिए बने रहें हमारे साथ.

Posted by : Sameer Oraon

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