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यूक्रेन में फंसे झारखंड के 17 लोग पहुंचे रांची, सुनायी आपबीती, केंद्र और राज्य सरकार का जताया आभार

jharkhand news: यूक्रेन में फंसे झारखंड के 17 लोगों की सकुशल वापसी हुई है. वहीं, अन्य लोगों की वापसी के प्रयास लगातार तेज हैं. रांची के बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर पहुंचने पर इनलोगों ने केंद्र और राज्य सरकार की जमकर तारीफ की. साथ ही वहां की हालात के बारे में जिक्र किया.

Ukraine Crisis 2022: रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के बीच वहां फंसे झारखंड के 17 लोगों मंगलवार की शाम रांची पहुंचे. अपने वतन वापसी पर इनलोगों ने केंद्र और राज्य सरकार के प्रयासों की जमकर सराहना की. वहीं, कई ने यूक्रेन की हालात की वस्तुस्थिति बतायी. दूसरी ओर, वहां फंसे झारखंड के अन्य लोगों से भी लगातार संपर्क स्थापित कि‍या जा रहा है. राज्य सरकार के कंट्रोल रूम में फोन कर अब तक 181 लोगों ने मांगी मदद है.

181 लोगों ने मांगी मदद

यूक्रेन में फंसे झारखंड के 23 लोगों ने राज्य सरकार द्वारा शुरू किये गये कंट्रोल रूम में मंगलवार को फोन कर सहायता मांगी है. 26 फरवरी से आरंभ हुए कंट्रोल रूम में अब तक 181 लोगों ने संपर्क कर सहायता मांगी है. कंट्रोल रूम द्वारा विदेश मंत्रालय को इसकी सूचना भेजी गयी है. मंगलवार को संपर्क करनेवाले 23 लोगों में 12 छात्र व 11 छात्राएं हैं.

यूक्रेन में स्थिति खराब

इधर, मंगलवार को यूक्रेन से रांची लौटे छात्रों ने बिरसा मुंडा एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि रूस के हमले के बाद यूक्रेन में स्थिति काफी खराब हो गयी है. हजारों भारतीय छात्र अब भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं और बदतर हालातों का सामना कर रहे हैं. वे सभी अपने देश की सरकार से मदद की आस लगाये हुए हैं. सरकार को उन छात्रों को जल्द से जल्द वापस लाने की पहल करनी चाहिए.

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केंद्र और राज्य सरकार को धन्यवाद

जमशेदपुर की हीरा फातिमा और रामगढ़ की अमन तेजस्विनी ने बताया कि उनका सफर काफी मुश्किलों भरा था. यूक्रेन बॉर्डर पार करने में उन्हें और उनके दोस्तों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. रोमानिया बॉर्डर पर छात्रों को काफी परेशान किया जा रहा था. सभी को बॉर्डर पार करने की जल्दी थी. अपने वतन लौट कर छात्राएं काफी सुकून महसूस कर रही थीं. इसके लिए उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार को तहे दिल धन्यवाद दिया.

डरे और सहमे छात्रों को बॉर्डर पर पीटा गया

वहीं, रांची के दीपाटोली निवासी तृषा ने बताया कि यूक्रेन बॉर्डर से निकलना ही काफी मुश्किलों भरा पल रहा. छात्र काफी डरे और सहमे हुए थे. बॉर्डर पर छात्रों की पिटाई भी की गयी. बीच-बीच में जवान फायरिंग भी कर रहे थे. एंट्री लेने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा. भीड़ देख कर एक समय ऐसा लगा कि अब नहीं होगा. लेकिन भगवान का शुक्र, माता-पिता के आशीर्वाद और सरकार के सहयोग से वह अपने घर वापस लौट पायी है. कहा कि भारत के लोगों को यूक्रेन में और रोमानिया में सम्मान के साथ देखा जा रहा था. यह केंद्र सरकार की नीतियों के कारण ही हुआ है.

हजारीबाग जिले के 12 स्टूडेंट्स यूक्रेन में फंसे

हजारीबाग जिले के 12 मेडिकल स्टूडेंट्स यूक्रेन में फंसे हुए हैं. सभी स्टूडेंट्स के हजारीबाग वापसी के लिए डीसी नैंसी सहाय ने सहायक कमेटी का गठन किया है. जिस प्रखंड के विद्यार्थी हैं, वहां के सीओ और बीडीओ को छात्रों के परिवारवालों से लगातार संपर्क में रहने की जिम्मेदारी दी गयी है. जिला के अधिकारी राज्य सरकार एवं विदेश मंत्रालय के संपर्क में रहेंगे. जिला प्रशासन ने टॉल फ्री नंबर भी जारी किया है.

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Posted By: Samir Ranjan.

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