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यूक्रेन युद्ध का असर झारखंड में भी, महंगाई की आग में झुलसे लोग, जानें कौन सी चीज हुई कितनी महंगी

रूस-यूक्रेन बीच चल रहे युद्ध का असर झारखंड में दिखने लगे हैं, खाने पीने से लेकर जेनेरिक दवाईयां भी महंगी हो गयी है. विशेषज्ञों की माने तो पेट्रोल और डीजल की बढ़ी तो कीमतों में और आग लगेगी.

रांची : रूस-यूक्रेन के बीच चल रहे युद्ध का असर रांची में भी दिखने लगा है़ वह असर है : बढ़ती महंगाई. घर बनाने का सपना हो या रसोई का तेल सबकुछ आम आदमी से दूर होता जा रहा है़ महंगाई की आग फैलती जा रही है़.

इसका असर आम राजधानीवासियों की जेब पर दिख रही है़ रोजमर्रा के सामान की कीमत बढ़ गयी है़ इसके अलावा कई ऐसे रॉ मेटेरियल और सामान हैं, जो रूस और यूक्रेन से आते हैं. इस कारण आम लोग परेशान हैं. इधर, विशेषज्ञों का कहना है कि यदि पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ गये, तो कीमतों में और आग लगेगी़

रॉ मेटेरियल महंगा होने से कई तैयार माल हुए महंगे

हर प्रकार के रॉ मेटेरियल के दाम बढ़ने से कई तैयार माल के दामों पर इसका असर पड़ा है़ लोहा 50 रुपये से बढ़कर 70 रुपये प्रति किलो, कॉपर 700 से बढ़कर 880 रुपये, एल्युमीनियम 250 से बढ़कर 325 रुपये प्रति किलो और प्लास्टिक 100 से बढ़कर 125 रुपये प्रति किलो हो गया है़

10-15% बढ़ेगी एसी व रेफ्रीजरेटर की कीमत

सेमी कंडक्टर के कारण एसी और रेफ्रीजरेटर के दामों में 10-15 प्रतिशत की बढ़ोतरी होने की संभावना है. क्रूड ऑयल सहित मेटल और मिनरल्स के दाम बढ़े हैं. इस कारण इन सामान के दाम बढ़ने की संभावना है़ पिछले तीन-चार माह पहले ही कीमतें बढ़ी थी़ं कॉपर, स्टील, पॉलिमर के साथ पैकेजिंग मेटेरियल के दाम बढ़ गये हैं. इस कारण उत्पादन की लागत बढ़ गयी है़

जेनरिक दवाओं में लगभग 30 प्रतिशत तक की वृद्धि

जेनरिक दवाओं पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है़ दवा डिस्ट्रीब्यूटर मितेश ड्रोलिया ने कहा कि ब्रांडेड दवाओं की कीमतों में वृद्धि नहीं हुई है़ जेनरिक दवाओं की कीमत में लगभग 30 प्रतिशत की वृद्धि हो गयी है़

सीमेंट, टाइल्स और जेनरिक दवाओं पर भी इसका असर देखने को मिल रहा है़ दवा डिस्ट्रीब्यूटर मितेश ड्रोलिया ने कहा कि ब्रांडेड दवाओं की कीमतों में वृद्धि नहीं हुई है़ जेनरिक दवाओं की कीमत में लगभग 30 प्रतिशत की वृद्धि हो गयी है़

युद्ध के कारण घर बनाने के सामान महंगे हो गये हैं. सीमेंट की कीमत 320 रुपये से बढ़कर 360 रुपये प्रति बैग हो गयी है. वहीं छड़ की कीमत 55 की जगह 82 रुपये प्रति किलो हो गयी है. वहीं, ब्रांडेड टाइल्स का दाम 40 रुपये स्क्वायर फीट से बढ़कर 52-55 रुपये स्क्वायर फीट हो गया है. वाटर टैंक से लेकर पीवीसी पाइप के भी दाम बढ़ गये हैं. चार इंच का पीवीसी पाइप 635 की जगह 660 रुपये हो गया है. वाटर टैंक की कीमत चार रुपये प्रति लीटर से बढ़कर लगभग 4़ 5 रुपये प्रति लीटर हो गयी है.

रिफाइंड तेल में लगी आग, मैदा महंगा

युद्ध का असर यह है कि खाने-पीने के सामान के भी दाम बढ़ गये हैं. रिफाइंड तेल से लेकर मैदा और गेहूं तक के दाम बढ़ गये हैं. पिछले 20 दिनों में पाम ऑयल 130 से बढ़कर 170 रुपये प्रति लीटर, सोयाबीन तेल 155 से बढ़कर 180 से 190 रुपये, सरसों तेल 175 से 180 रुपये और सन फ्लावर तेल 150 से बढ़कर 180 रुपये प्रति लीटर हो गया है़ बाजार में सनफ्लावर और राइस ब्रान ऑयल की कमी हो गयी है़ युद्ध के कारण गेहूं की सप्लाइ चेन में भी रुकावट आयी है़ भारतीय कंपनियां भी खुले बाजार से गेहूं खरीदती है़ं गोल्डेन गेहूं 44 से बढ़कर 48 रुपये प्रति किलो और मैदा 26 से बढ़कर 30 रुपये प्रति किलो हो गया है़

सिंक, वॉल मिक्सचर से लेकर वायर के दाम भी बढ़े

स्टील व लोहे की कीमत बढ़ने से सिंक, वॉल मिक्सचर, कोमोड से लेकर वायर के दाम बढ़ गये हैं. सिंक के दाम 2500 से बढ़कर 3200 रुपये, वॉल मिक्सचर 3200 से बढ़कर 3600 रुपये, इडब्ल्यू कोमोड 1400 से बढ़कर 1650 रुपये, वॉश बेसिन 1200 से बढ़कर 1500 रुपये हो गया है़ बाइंडिंग वायर की कीमत 1900 से बढ़कर 2200 रुपये हो गयी है. बिजली के तार में एक एमएम (180 मीटर) की कीमत 1800 से बढ़कर 2050 रुपये, 1़ 5 एमएम (180 मीटर) की कीमत 2700 से बढ़कर 3100 रुपये और चार एमएम (180 मीटर) की कीमत 6500 से बढ़कर 7150 रुपये हो गयी है़ यह कीमत 10 दिनों में बढ़ी हैं. इसी तरह मॉड्यूलर स्विच 25 से बढ़कर 28 रुपये, सॉकेट 50 से बढ़कर 55 रुपये और 10 एंपीयर का एमसीबी 100 से बढ़कर 110 रुपये हो गया है़

रॉ मेटेरियल महंगा होने से तैयार माल की बढ़ रही कीमत

युद्ध का असर यह है कि लोहा, कॉपर, पीतल, तांंबा, प्लास्टिक सहित कई प्रकार के रॉ मेटेरियल के दाम बढ़ गये हैं. इसका असर तैयार माल पर देखने को मिल रहा है़ यह लड़ाई अगर आनेवाले समय तक जारी रहेगी, तो कीमत और बढ़ेगा़ तेल के दाम बढ़ने पर ट्रांसपोर्टेशन कॉस्ट बढ़ेगा, तब इन सामान की कीमतें और बढ़ जायेंगी़

-अंजय पचेरीवाला, उपाध्यक्ष, जेसिया

सीमेंट, छड़, टाइल्स, सेनेटरीवेयर, बिजली के उत्पाद सहित कई सामान के दाम बढ़ने के कारण रियल इस्टेट का कॉस्ट लगभग 15 प्रतिशत बढ़ गया है़ रियल इस्टेट को काम करने में परेशानी हो रही है.

-अमित अग्रवाल, निदेशक, डीइ ग्रुप

युद्ध के कारण सेमी कंडक्टर का शॉर्टेज है़ इस कारण इन सामानों के दामों में 10-15 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है़ कॉपर, स्टील, पॉलिमर के साथ पैकेजिंग मेटेरियल के दाम बढ़ने का असर जल्द देखने को मिलेगा़

-अविकल मस्करा, डिस्ट्रीब्यूटर, वोल्टास

Posted By: Sameer Oraon

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